पौड़ी: पुल टूटने के बाद कोटद्वार को भाबर क्षेत्र से जोड़ने के लिए वैकल्पिक मार्ग पर काम किया जा रहा है, जिसका पौड़ी जिलाधिकारी आशीष चौहान ने निरीक्षण किया. इस दौरान काम में हो रही देरी को लेकर जिलाधिकारी आशीष चौहान ने कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों पर नाराजगी जताई.
जिलाधिकारी आशीष चौहान ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को वैकल्पिक मार्ग बनाने के लिए अधिक मजदूर व आधुनिक तकनीक से जल्द तैयार करने को कहा है. इसके साथ ही जिलाधिकारी आशीष चौहान की तरफ से निर्देश दिए गए कि वैकल्पिक मार्ग वन क्षेत्र से लगा होने के कारण जंगली जानवरों का खतरा है, जिस वजह से रात्रि में अंधेरा होने पर सुरक्षा दृष्टि से मार्ग पर 50 सोलर लाइट की व्यवस्था करने का कहा गया है.
पढ़ें-उत्तराखंड में पुलों के सेफ्टी ऑडिट के आदेश, टूटे ब्रिज पर बिठाई जाएगी जांच, दोषियों पर होगी कार्रवाई
बता दें कि साल 2010 में मालन नदी पर पुल बनाया था, जो बीती 13 जुलाई को ढह गया. इस पुल के टूटने से कोटद्वार का भाबर क्षेत्र के 30 गांवों से संपर्क कट गया है. ऐसे में भाबर क्षेत्र के लोगों के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की जा रही है, जिसको लेकर कोटद्वार विधायक और स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने जिलाधिकारी पौड़ी आशीष चौहान से नाराजगी जताते हुए कहा था कि अभी तक कण्वाश्रम मवाकोट मार्ग भाबर से आने वाले यात्रियों के लिए सुगम नहीं बनाया गया है.
पढ़ें-उत्तराखंड में बीच से टूटा मालन नदी पर बना पुल, पिलर बहने से हुआ हादसा, VIDEO बना रहा युवक डूबा
उनका कहना है कि सड़क के दोनों ओर झाड़ी कटान का कार्य भी नहीं किया गया है. कण्वाश्रम मवाकोट लैंसडाउन वन प्रभाग के कोटद्वार रेंज में होने के चलते रात्रि में जंगली जानवरों का भय बना रहता है. यात्रियों की सुरक्षा के लिए सोलर लाइट भी नहीं लगाई गई है. जिसके बाद पौड़ी जिलाधिकारी ने मौके पर जाकर वैकल्पिक मार्ग का निरीक्षण किया और अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए.