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श्रीनगर के उप जिला अस्पताल में डॉक्टरों के बैठने के लिए नहीं ओपीडी रूम, मरीजों को कैसे देखेंगे? - उप जिला अस्पताल श्रीनगर

Sub District Combined Hospital Srinagar में स्वास्थ्य व्यवस्था का अभाव बना हुआ है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हड्डी रोग विशेषज्ञ को नियुक्ति तो दे दी, लेकिन ओपीडी कक्ष नहीं दिया. जिससे डॉक्टर और मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

Lack of health facilities in sub-district hospital
डॉक्टरों के बैठने के लिए नहीं ओपीडी रूम

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 22, 2023, 4:10 PM IST

श्रीनगर के उप जिला अस्पताल में डॉक्टरों के बैठने के लिए नहीं ओपीडी रूम

श्रीनगर:उप जिला सयुंक्त अस्पताल श्रीनगर में डॉक्टरों को ओपीडी रूम तक नसीब नहीं हो पा रहे हैं. ताजा मामला हड्डी रोग विशेषज्ञ का है. जहां डॉक्टर सचिन चौबे को ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) कक्ष नहीं मिल पाया है. जिससे वो कभी सर्जन के ओपीडी कक्ष में तो कभी आकस्मिक विभाग के कक्ष में मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं. वहीं, अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि हड्डी रोग विशेषज्ञ को ओपीडी कक्ष आवंटित किए जाने के लिए व्यवस्थाएं जुटाई जा रही हैं.

सयुंक्त अस्पताल श्रीनगर के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सचिन चौबे ने बताया कि अस्पताल प्रशासन को ओपीडी कक्ष आवंटित किए जाने का अनुरोध किया गया है. हालांकि, अभी तक ओपीडी कक्ष नहीं मिला है. जिसके चलते मरीजों को सर्जन ओपीडी कक्ष या आकस्मिक विभाग कक्ष में परामर्श दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अभी तक करीब 5 ऑपरेशन भी वो अस्पताल में कर चुके हैं.

अस्पताल प्रभारी सीएमएस डॉ. हेमापाल बुटोला ने बताया कि अस्पताल में ओपीडी कक्षों की कमी है. नवनियुक्त हड्डी रोग विशेषज्ञ के लिए ओपीडी कक्ष की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन ने होम्योपैथिक विभाग को आवंटित कक्ष 15 दिनों के भीतर खाली करने का नोटिस दिया है. इसके अलावा प्री-फेब्रीकेडेट कैबिन निर्माण पर भी विचार किया जा रहा है.

उप जिला अस्पताल श्रीनगर में ओपीडी कक्ष समय पर आवंटित नहीं होने पर इससे पहले दो हड्डी रोग विशेषज्ञ अस्पताल छोड़ चुके हैं. हालांकि, इस पर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि एक डॉक्टर ने इस्तीफा दिया है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. जबकि, दूसरा बीते नवंबर 2022 से लापता चल रहा है.

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बता दें कि उप जिला अस्पताल श्रीनगर में ओपीडी कक्ष नहीं मिलने पर अस्पताल में सेवारत एक ईएमओ ने विरोध स्वरुप दिसंबर 2022 में अस्पताल के बाहर बेंच पर मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया था. इसके अलावा अस्पताल के डीजीएमओ (सामान्य ड्यूटी चिकित्सा अधिकारी) के ओपीडी में मरीज देखने को लेकर विवाद सामने आया था. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने निर्देश जारी किए थे कि आवश्कता पड़ने पर ही मेडिकल ऑफिसर ओपीडी में बैठेंगे. वहीं, अगर किसी विशेषज्ञ की तैनाती होती है तो उन्हें कक्ष छोड़ना पड़ेगा.

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