श्रीनगर: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड को आज 18 सितंबर को एक साल पूरा हो चुका है. इस दौरान श्रीनगर में अंकिता भंडारी की याद में स्थानीय पीपल चोरी में शोक सभा का आयोजन किया गया. शोक सभा में राज्य आंदोलनकारियों के साथ-साथ छात्र संगठन के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे.
इस दौरान अंकिता भंडारी ने पिता वीरेंद्र भंडारी के पिता की आंखें बेटी को याद कर नम हो गई थी. उन्होंने कहा कि इस साल उनके बेटे यानी अंकिता भंडारी के भाई की कलाई सूनी रही. वीरेंद्र भंडारी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक साल पूरा होने के बाद भी मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में नहीं चलाया गया. एक माह में 3 दिन कोर्ट में बयानों को दर्ज किया जाता है.
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वीरेंद्र भंडारी ने अंकिता की पहली बरसी पर पूरे मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने और मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग की. उन्होंने कहा कि वे सरकारी वकील जितेंद्र रावत को पहले से ही इस केस के हटाने की मांग करते रहे थे, लेकिन सरकार ने इस मामले में भी लेट की है. वीरेंद्र भंडारी का कहना है कि ऐसे लोगों को तो सरकारी पद पर रहने का कोई हक नहीं है.
वहीं, वीरेंद्र भंडारी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मंशा पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा अंकिता भंडारी की हत्या को एक साल का वक्त हो चुका है, लेकिन आजतक नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता के नाम पर नहीं रखा गया. जबकि खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घर पर आकर उन्हें आश्वासन दिया था कि नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता मंडारी के नाम पर रखा जाएगा.
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