श्रीनगर:प्रदेश सरकार विकास का दावा तो खूब करती है, लेकिन जमीनी हकीकत ठीक उलट है. प्रदेश के कई ऐसे गांव हैं जहां मूलभूत समस्याओं का अभाव है. उन्हीं गांवों में एक श्रीनगर विधानसभा थलीसैंण ब्लॉक के स्युसाल गांव भी है. जहां के लोग आज भी मूलभूत समस्याओं के अभाव में जीवन यापन करने को मजबूर हैं. जो ग्रामीणों की नियति बन गई है.
ग्रामीणों का कहना है कि वे अपनी समस्या से कई बार क्षेत्रीय विधायक और उत्तराखंड सरकार में मंत्री धन सिंह रावत को बता चुके हैं, लेकिन उन्हें आज तक आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला.
सड़क की आस में पथराई स्युसाल गांव के लोगों की आंखें. ग्रामीण दुर्गा प्रसाद का कहना है कि आज भी गांव सड़क सुविधा से महरूम है, जिससे लोगों को मीलों का सफर पैदल तय करना पड़ता है. गांव में कोई भी व्यक्ति बीमार हो जाता है तो उसे डंडी कंडी के सहारे मीलों की दूरी नापकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है. उसके बाद भी वाहन का इंतजार करना पड़ता है.
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स्थानीय कमला देवी बताती हैं कि प्रदेश सरकार में मंत्री धन सिंह रावत द्वारा गांव को सड़क से जोड़ने के लिए आश्वासन दिया गया था, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया गया. जिससे लोगों को आज भी पैदल सफर करना पड़ रहा है. कमला देवी ने आगे कहा कि बीजेपी की सरकार सिर्फ आश्वासन देती है. ऐसे में देखना होगा कि थलीसैंण ब्लॉक के स्युसाल गांव के ग्रामीणों की आवाज कब शासन-प्रशासन के अधिकारियों के कानों तक पहुंचती है? जिससे गांव की तस्वीर बदल सके.