श्रीनगर: पहाड़ी राज्यों के लिए खुशखबरी है. अब पहाड़ी इलाकों में भी आपको ई-रिक्शा दौड़ता हुआ दिखेगा. एनआईटी उत्तराखंड (NIT Uttarakhand) के वैज्ञानिकों ने इसका तरीका खोज निकाला है. वैज्ञानिकों ने ऐसे कनवर्टर का आविष्कार किया है, जिससे ई रिक्शा को दोगुनी ताकत मिलेगी. साथ ही इससे ई रिक्शा चलाने के लिए सौर ऊर्जा की मदद मिल सकेगी. इस कनवर्टर को भारतीय पेटेंट अधिनियमों के तहत भारत सरकार द्वारा पेटेंट भी कर दिया गया है.
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड के विद्युत अभियांत्रिकी विभाग में सहायक प्राध्यापक पद पर कार्यरत डॉ प्रकाश द्विवेदी और डॉ सौरव बोस सहित उनके शोध छात्रों राकेश थपलियाल, सत्यवीर सिंह नेगी ने पर्वतीय क्षेत्र के लिए ई-रिक्शा के लिए इंटीग्रेटेड कनर्वटर का आविष्कार किया है. इस कनर्वटर को ई-रिक्शा पर लगाने के बाद इससे रिक्शा को दोगुनी ताकत मिल जाएगी. रिक्शा 6 डिग्री तापमान पर भी 4 लोगों को बैठाकर 20 से 25 किलोमीटर प्रतिघण्टा की स्पीड से चल सकेगा. इस कनर्वटर के लग जाने के बाद ई-रिक्शा की बैटरी 4 घण्टे में ही चार्ज हो सकेगी. 100 किलोमीटर तक भी एक बार में चार्ज करने पर रिक्शा को चलाया जा सकेगा.