पौड़ीःसुमाड़ी में आज एनआईटी का शिलान्यास हो गया है. इस मौके पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक और प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, सांसद तीरथ सिंह रावत सहित अन्य जनप्रतिनिधि पहुंचे. वहीं, कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता भी मौजूद हैं. इस कार्यक्रम में पहले गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने कहा कि श्रीनगर के साथ-साथ पौड़ी क्षेत्र के लिए यह खुशी का अवसर है. इसके निर्माण के बाद छात्रों को एक अच्छा परिसर के साथ-साथ पढ़ाई का अच्छा माहौल मिलेगा.
सुमाड़ी में आज NIT का शिलान्यास यह भी पढ़ेंः चुनावी रंजिश में महिला प्रत्याशी के भाई पर हमला, कांग्रेसियों ने थाने में किया हंगामा
बता दें कि लंबे समय से कवायद लगाई की रही थी कि एनआईटी को अन्यत्र स्थान पर शिफ्ट किया जाए, लेकिन आज सुमाड़ी में स्थायी परिसर के निर्माण के लिए भूमि का शिलान्यास कर दिया गया है. ऐसे में समस्त क्षेत्रवासियों के लिए खुशी का लहर है. वहीं, NIT को अन्यत्र शिफ्ट किए जाने की लंबे समय से चल रहीं तमाम अटकलों पर विराम लग गया है.
वहीं, इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पौड़ी की भूमि पर एनआईटी का निर्माण कार्य होना जनपद के लिए गौरव का विषय है. उन्होंने कहा कि यहां पर अच्छी सड़क, पेयजल और बिजली जैसी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार भी मदद करेगी. करीब 30 करोड़ की मदद राज्य सरकार की ओर से की जाएगी, जिसमें 20 करोड़ की पेयजल योजना यहां लाई जाएगी साथ ही 5 करोड़ रुपए की लागत से बिजली, 5 करोड़ की लागत से सड़कों का निर्माण किया जाएगा. संस्थान का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद छात्रों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए अन्य शहरों की ओर नहीं जाना पड़ेगा, इससे पलायन पर भी काफी हद तक रोक लग पाएगी.
पूजा के दौरान राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, केंद्रीय मंत्री निशंक और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत. इस अवसर पर सांसद तीरथ सिंह ने कहा कि संसद में पहुंचने पर उनका पहला मुद्दा ही NIT के स्थायी परिसर के निर्माण का था और उन्हें खुशी है कि आज उनके पहले मुद्दे पर मुहर लग गई है. उन्होंने कहा कि वह लगातार गढ़वाल की विकास योजनाओं के सवाल संसद में उठाते रहेंगे.
एनआईटी का शिलान्यास कार्यक्रम. क्या है पूरा मामला?
एनआईटी उत्तराखंड के स्थायी परिसर का आज दूसरी बार शिलान्यास हुआ है. पहली बार वर्ष 2014 में कांग्रेस शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किया था. अब भाजपा शासनकाल में दोबारा शिलान्यास किया गया है. कई सालों से स्थायी परिसर की मांग को लेकर छात्र आंदोलनरत रहे हैं. मगर राज्य सरकारों की ओर से इस मांग को गंभीरता से नहीं लिया गया था. इतना हुआ कि श्रीनगर गढ़वाल के एक सरकारी पॉलीटेक्निक में अस्थायी कैंपस की व्यवस्था कर दी गई.
एनआईटी का शिलान्यास कार्यक्रम. इतना ही नहीं, बीते साल परिसर के बाहर सड़क हादसा होने के बाद छात्रों ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया था. 3 अक्टूबर 2018 को एनआईटी की छात्रा नीलम मीना और नुपूर मुंडा केदारनाथ हाइवे एनएच-58 क्रॉस करने के दौरान सड़क हादसे में घायल हो गई थीं, हादसे में नीलम मीना का पैर पूरी तरह बेकार हो गया है. इस हादसे के दूसरे दिन से ही एनआईटी उत्तराखंड के लगभग 900 छात्र-छात्राओं ने लगातार कक्षाओं का बहिष्कार करना शुरू कर दिया. छात्र श्रीनगर में ही धरने पर बैठे रहे.
एनआईटी शिलान्यास के मौके पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री निशंक. धीरे-धीरे आंदोलन ने एक बड़ा रूप ले लिया और मामला दिल्ली तक पहुंचा. एनआईटी उत्तराखंड के छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया. आंदोलन कर रहे छात्र-छात्राओं का कहना था कि पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर में स्थित एनआईटी कैंपस को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए क्योंकि श्रीनगर में कोई सुविधा नहीं है. वहां न तो लैब है, न पढ़ाई की अच्छी व्यवस्था और न ही कैंपस में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं. कॉलेज के इतने दुर्गम इलाके में होने के कारण यहां तकनीकी संस्थान के लायक ज़रूरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. यहां इतनी दूर न तो अच्छी फैकल्टी आना चाहते हैं और न ही प्लेसमेंट के लिए कोई कंपनियां.
एनआईटी शिलान्यास कार्यक्रम. छात्रों की ओर से स्थायी कैंपस की मांग के विरोध के चलते कैंपस को जयपुर शिफ्ट किया गया. अब काफी जद्दोजहद के बाद आखिरकार सुमाड़ी में शिलान्यास किया गया है. पहले चरण में इसके लिए 1000 करोड़ की लागत से 300 एकड़ भूमि पर 1260 छात्रों के लिए व्यवस्था का लक्ष्य रखा गया है. इसमें कक्षाएं, लैब, हॉस्टल और आवास बनेंगे.