कोटद्वार: नगर निगम द्वारा काशीरामपुर तल्ला में 17 लाख रुपये की लागत से आवारा पशुओं के लिए गोशाला बनाई गई थी, लेकिन अब ये गोशाला देखरेख के अभाव में शोपीस बनकर रह गई है. जिस वजह से आवारा पशु सड़कों पर घूमते नजर आ रहे हैं. जिससे राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही आवारा पशु स्थानीय लोगों के साथ ही वाहन चालकों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं.
गोशाला पर नगर निगम नहीं दे रहा ध्यान, आवारा पशु बने सिरदर्द - कोटद्वार
आवारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए कोटद्वार नगर निगम द्वारा 17 लाख की लागत से कोटद्वार खोह नदी के किनारे काशीरामपुर तल्ला में गोशाला का निर्माण कराया गया था. जिसे बने हुए 3 महीने से भी अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन नगर निगम की लापरवाही से भवन जस का तस पड़ा हुआ है.
गौर हो कि जहां एक ओर आवारा पशु लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं, तो वहीं नगर निगम के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं. जिससे स्थानीय लोगों में खासा आक्रोष है.
बता दें कि 17 लाख की लागत से कोटद्वार खोह नदी के किनारे काशीरामपुर तल्ला में गोशाला का निर्माण कराया गया था. जिसे बने हुए 3 महीने से भी अधिक का समय बीत चुका है. लेकिन नगर निगम की लापरवाही से भवन जस का तस पड़ा हुआ है. वहीं लोगों का कहना है कि आवारा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं और अधिकारियों को परेशानी से अवगत कराने के बाद कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. वहीं नगर आयुक्त मनीष कुमार का कहना है कि गोशाला के लिए समाचार पत्रों में निविदा निकाली गई है. जो भी संस्था गोशाला के संचालन के लिए टेंडर डालेगी. उसको गोशाला संचालन का जिम्मा दिया जाएगा. उसके बाद शहर में घूम रहे आवारा पशुओं को गोशाला में रखा जाएगा.