कोटद्वार:जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिकंद कुमार त्यागी की अदालत ने पिता की हत्या के आरोप में मां-बेटे को उम्रकैद की सजा सुनाई है. वहीं शव को ठिकाने लगाने वाले नेपाली श्रमिक को 4 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.
बता दें कि, मामला 14 जनवरी 2011 का है. खंडाह निवासी अनिल रावत की ओर से पौड़ी कोतवाली में ससुर सतेंद्र सिंह नेगी की हत्या के संबंध में तहरीर दी गई थी. तहरीर में कहा गया कि उसके ससुर सतेंद्र सिंह नेगी का शव कट्टे में चौखंभा के नीचे तिमली रोड पर मिला है. जब उन्होंने अपनी सास सुमित्रा देवी को फोन किया तो उनका फोन स्विच ऑफ था. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी. मामले में पुलिस ने मृतक की पत्नी सुमित्रा देवी और बेटा मोहन सिंह को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में सुमित्रा देवी ने बताया कि सतेंद्र शराब पीकर गाली-गलौज व मारपीट करता था. 11 जनवरी को उनका बेटा मोहन देहरादून से घर आया और उसी दिन शाम को शराब पीकर आए सतेंद्र ने घर पर गाली-गलौज व मारपीट शुरू कर दी थी. आए दिन मारपीट से परेशान होकर उसने बेटे के साथ मिलकर सतेंद्र की हत्या कर दी थी.