पौड़ी: लोक निर्माण सहित विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं में रॉयल्टी पंजीकरण की नई व्यवस्था के विरोध में लैंसडाउन विधायक दिलीप रावत भी आगे आये हैं. विधायक ने ठेकेदारों की मांगों को जायज बताते हुए मुख्यमंत्री तक उनकी बात पहुंचाने का आश्वासन दिया है. इस मौके पर ठेकेदारों ने डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा.
लैंसडाउन विधायक महंत दिलीप रावत ने ठेकेदारों के विरोध को जायज बताया. पौड़ी पहुंचे लैंसडाउन विधायक से ठेकेदार संगठन ने वार्ता कर उन्हें ज्ञापन दिया. ठेकदार एसोसिएशन ने सरकार से इस संबंध में उचित कदम उठाने की गुहार लगाई है. ठेकेदारों ने चेतावनी दी कि जल्द ही समस्या का हल नहीं होने पर सड़कों पर चल रही जेसीबी बंद करने के साथ ही निविदाओं का बहिष्कार किया जाएगा. साथ ही कहा कि उत्तराखंड शासन ने नई व्यवस्था को समाप्त नहीं किया तो प्रदेशभर में उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पडे़गा.
इस दौरान ठेकेदारों ने कहा कि पहले ही कोरोना काल के कारण उनको काम समाप्त हो गए हैं और अब जाकर कुछ शुरुआत हो रही है तो सरकार नई व्यवस्था शुरू कर ठेकेदारों के रोजगार को खत्म कर रही है. यही नहीं, ठेकेदारों के पंजीकरण में भी शर्तों को कठोर कर दिया गया है. ऐसे में पर्वतीय क्षेत्रों के ठेकेदार अब आगे काम करने में समर्थ नहीं है और उनकी रोजी-रोटी खतरे में है.
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ठेकेदारों का कहना है कि उपखनिजों के प्रयोग पर अब रॉयल्टी पांच गुना बढ़ा दी गई है. पर्वतीय क्षेत्र में पहले ही खनिजों की कमी है. कार्यस्थल पर खनिज नहीं मिलने पर दूरदराज से ढुलाई करनी पड़ती है, जिस पर होने वाला खर्च पहले ही बहुत अधिक है. वहीं अब रायल्टी पांच गुना बढ़ाने से काम की लागत बहुत अधिक हो जाएगी और सामान्य ठेकेदारों के लिए पहले ही काम करना बहुत मुश्किल हो रहा है. नए शासनादेश के चलते पुराने भुगतान भी नहीं हो पा रहे हैं, जिससे उनको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. ठेकेदारों ने डीएम के माध्यम से सीएम को भी ज्ञापन भेजकर गुहार लगाई है कि पुरानी व्यवस्था लागू की जाए. इससे पूर्व एसोसिएशन विधायक पौड़ी, आयुक्त गढ़वाल आदि को भी इस संबंध में ज्ञापन दे चुका है.