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श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में रैगिंग मामले में कई छात्र हो चुके निलंबित, जानिए अब क्या बोले छात्र? - रैगिंग के मामले

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में अभी तक रैगिंग के कई मामले सामने आ चुके हैं. इसकी तस्दीक इससे पहले हुए रैगिंग के मामले देते हैं. अभी तक कई छात्र निलंबित भी हो चुके हैं. बीती रोज भी एमबीबीएस के सात सीनियर छात्रों पर निलंबन की कार्रवाई हुई है. वहीं, जूनियर छात्रों का कहना है कि सीनियर छात्रों का बर्ताव नॉर्मल रहता है.

Srinagar Medical College ragging case
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में रैगिंग

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Published : Nov 15, 2022, 6:00 PM IST

Updated : Nov 15, 2022, 6:06 PM IST

श्रीनगरःवीर चंद्र सिंह गढ़वाली राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर का रैगिंग से पुराना नाता रहा है. बीती रोज रैगिंग के मामले में सात सीनियर छात्रों को हॉस्टल से बाहर का रास्ता दिखा गया तो तीन महीने के लिए उन्हें शैक्षणिक सत्रों से निलंबित भी कर दिया. रैगिंग का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी जूनियर छात्र कई बार रैगिंग का शिकार हो चुके हैं. जिसमें सीनियर छात्रों को निलंबन झेलना पड़ा है. इसके अलावा कई बार ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जब चेतावनी के बाद छात्रों को छोड़ दिया गया.

दरअसल, बीते 11 नवंबर को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में (Veer Chandra Singh Garhwali Govt Institute of Medical Science and Research Srinagar) एमबीबीएस प्रथम वर्ष के एक छात्र ने हॉस्टल में रैगिंग होने की शिकायत एनएमसी यानी राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के पोर्टल में की थी. छात्र का आरोप था कि 11 नवंबर की रात हॉस्टल 3 में सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों की रैगिंग (Srinagar Medical College ragging case) ली है.

श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में रैगिंग मामले में छात्रों का बयान.

रैगिंग का ताजा मामलाःबताया जा रहा है कि 11 नवंबर की रात हॉस्टल बदलते हुए कुछ सीनियर छात्रों की 2021 बैच के छात्रों से बहस हो गई थी. जिसके बाद रैगिंग शुरू हुई. राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग की ओर से सूचना मिलने पर प्राचार्य प्रोफेसर सीएम रावत ने शिकायत की जांच के लिए एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक (Anti Ragging Committee) ली.

बीती 13 नवंबर को दोबारा प्राचार्य ने कमेटी की बैठक लेते हुए घटनाक्रम की जानकारी ली. कमेटी ने पीड़ित छात्र के आरोप में सत्यता पाई. इसके बाद एंटी रैगिंग कमेटी ने एमबीबीएस बैच 2019 के पांच और 2020 बैच के दो छात्रों को तीन महीने के लिए शैक्षणिक गतिविधियों से निलंबित कर दिया. इसके अलावा आरोपी छात्रों को हॉस्टल से हमेशा के लिए निष्कासित कर दिया.

मई 2022 में रैगिंग मामले में 3 सीनियर छात्रों पर हुई थी कार्रवाईःइसी साल यानी मई 2022 में भी रैगिंग के आरोप में तीन सीनियर छात्र तीन महीने के लिए हॉस्टल से निलंबित (MBBS Students Terminated from Hostel) किए गए जा चुके हैं. आरोप था कि एमबीबीएस के सीनियर छात्र हॉस्टल में जूनियर छात्रों को धमकाने पहुंचे थे. जांच में आरोप सही पाए गए.

अगस्त 2017 में दो छात्र हुए थे निलंबितःसाल 2017 के अगस्त महीने में भी एमबीबीएस तृतीय सेमेस्टर के दो छात्रों पर प्रथम वर्ष के छात्र के साथ रैगिंग करने का आरोप लगा था. मामले छात्रों को एक सेमेस्टर के लिए कक्षा और हॉस्टल से निलंबित कर दिया गया था. पीड़ित छात्र का आरोप था कि दोनों सीनियर छात्रों ने हॉस्टल में कई दिन तक मारपीट करने के साथ ही उसे डराया और धमकाया. पीड़ित छात्र की ओर से मामले की शिकायत एंटी रैगिंग हेल्पलाइन में करने के बाद कॉलेज प्रशासन ने जांच की थी.

दिसंबर 2019 में हुआ था रैगिंगः साल 2019 के दिसंबर में भी रैगिंग का मामला सामने आया था, लेकिन कॉलेज प्रशासन के दबाव में जूनियर छात्र ने शिकायत वापस ले ली. हालांकि, कॉलेज ने दो सीनियर छात्रों और एक जूनियर डॉक्टर को 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया था.

कई बार होता है टकरावःसूत्र बताते हैं कि सीनियर छात्रों का कई बार जूनियर छात्रों से टकराव होता रहता है, लेकिन कई बार पीड़ित छात्र शिकायत नहीं करते या फिर कॉलेज प्रशासन दबाव बनाकर मामले को रफा दफा कर लेता है. एंटी रैगिंग कमेटी के सभी सदस्यों को भी इन प्रकरणों की जानकारी नहीं दी जाती है.

क्या बोले छात्र?इन सबके इतर श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के छात्रों का कहना है कि उनसे रैगिंग नहीं की जाती है. कॉलेज में सब ठीक ठाक है. उधर, दूसरी तरफ कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य पुष्पेंद्र सिंह कहते हैं कि इस तरह की किसी की हरकत कॉलेज में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उनका कहना है कि वे खुद होस्टल इंचार्ज हैं और उनकी नजर हमेशा छात्रों पर बनी रहती है.
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Last Updated : Nov 15, 2022, 6:06 PM IST

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