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शहीद की मां का छलका दर्द, कहा- आखिर कब तक यूं शहीद होते रहेंगे जवान?

बीते 7 अगस्त 2018 को जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा सेक्टर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में कोटद्वार निवासी मनदीप सिंह रावत शहीद हो गए थे. शहीद के परिजनों ने आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

पुलवामा हमला

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Published : Feb 16, 2019, 1:37 PM IST

देहरादून:पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में आक्रोश लहर है. ऐसे में आतंकवाद और आतंकियों की पनाहगाह बन चुके पाकिस्तान के खिलाफ लोगों में गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है. वहीं, 07 अगस्त 2018 में जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा सेक्टर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए मनदीप सिंह रावत के परिजनों ने भी केंद्र सरकार से आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. शहीद के परिजनों का कहना है कि ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगना चाहिए अगर कब तक यूं ही जवान सीमा पर शहीद होते रहेंगे.

कोटद्वार निवासी मनदीप बांदीपुरा में हुए थे शहीद.

बता दें कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले से पूरा देश आहत है. इस हमले में CRPF के 42 जवान शहीद हो गए थे. जिसके बाद से देश के कोने से पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है. वहीं, बीते दिनों जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा सेक्टर में शहीद हुए कोटद्वार निवासी मनदीप सिंह रावत के परिजनों ने भी केंद्र की मोदी सरकार से आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. उनका कहना है कि समय-समय पर पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देता रहा है. अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को सबक सिखाया जाए.

गौर हो कि कोटद्वार निवासी शहीद मनदीप सिंह के पिता भी फौज से रिटायर हैं. शहीद मनदीप की मां का कहना है कि दिन प्रतिदिन आंतकियों के हौसलें बुलंद होते जा रहे हैं. ऐसे में अब वक्त आ गया है कि उनको मुंहतोड़ जवाब दिया जाए. अपने बेटे की शहादत को याद करते हुए मनदीप की मां कहती है कि हर समय आतंकी पीठ पीछे से वार करते हैं. जिसमें निर्दोषों को अपनी जान गंवानी पड़ती है. ऐसे में राजनीति से इतर सभी पार्टियों को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक मंच पर आना चाहिए. ताकि इन आतंकी घटनाओं को रोक जा सके.

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