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दो दिवसीय मकरैंण मेले का हुआ समापन, सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बिखेरी छटा

बुधवार को परसुंडाखाल में दो दिवसीय मकरैंण मेले का समापन हो गया. इस मौके पर पौड़ी विधायक मुकेश कोली ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शिरकत की.

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दो दिवसीय मकरैंण मेले का हुआ समापन

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Published : Jan 15, 2020, 8:58 PM IST

पौड़ी: जिला मुख्यालय के पास परसुंडाखाल में दो दिवसीय मकरैंण मेले का समापन हो गया है. पहाड़ी क्षेत्रों की पौराणिक विरासत को बचाये रखने के लिए क्षेत्र के लोग आपसी समन्वय से इस मेले का आयोजन करते हैं. जोकि आने वाले समय में भी सांस्कृतिक विरासत को संजाने में अहम भूमिका निभाएगा. इनदिनों देवभूमि में लगने वाले मेलों और मिट्टी की खुशबू लेने के लिए प्रवासी अपने गांवों की ओर वापस लौट रहे हैं. जिसके कारण लगभग वीरान हो चुके गांवों में एक बार फिर से रौनक लौट आई है.

दो दिवसीय मकरैंण मेले का हुआ समापन.

मकरैंण मेले के समापन मौके पर बतौर मुख्य अतिथि विधायक मुकेश कोली ने शिरकत की. इस दौरान विधायक ने कहा कि पहाड़ों में नया साल शुरू होने के उपलक्ष्य में मकरैंण मेले का आयोजन किया जाता है. पहाड़ों में लगने वाले इन मेलों की मदद से बाहर जा चुके लोगों को अपने गांव वापस आने का मौका मिलता है. उन्होंने कहा आज हम इन मेलों के माध्यम से पहाड़ की संस्कृति और विरासत को बचाने के प्रयास में जुटे हैं.

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इस दौरान स्थानीय लोगों ने कहा कि हर साल इन मेलों में बड़ी संख्या में लोग हिस्सा लेने पहुंचते हैं. ऐसे में प्रवासियों के वापस लौट आने के बाद सुनसान पड़े गांवों में एक बार फिर से रौनक देखने को मिलती है. इन मेलों में पहाड़ी संस्कृति और पहाड़ी लोकगीतों का मंचन किया जाता है जो कि विलुप्त होती परंपराओं को सहेजने में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं.

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