श्रीनगर:चारों धामों की रक्षक देवी के नाम प्रसिद्ध शक्ति पीठ मां धारी देवी अपने मूल स्थान पर जाने के लिए तरस गयी हैं, पिछले 8 सालों से मां भगवती धारी देवी की पूजा टिन शेड के नीचे की जा रही है, जबकि उसी टिन शेड के बगल में माता का भव्य मंदिर भी बना हुआ है. 8 सालों से बन रहे इस मंदिर को अभी तक फिनिसिंग टच नहीं दिया गया है. अभी भी मां की मूर्ति को नए मंदिर में स्थापित नहीं किया गया है, जिससे मंदिर के पुजारियों और श्रद्धालुओं में खासा रोष देखने को मिल रहा है.
बता दें, मां धारी देवी का मंदिर श्रीनगर जलविद्युत परियोजना की झील में पड़ने के कारण पुराना मंदिर अलकनन्दा नदी में समा गया था, जिसके बाद धारी देवी की मूर्ति को 16 जून 2013 की शाम साढ़े 6 बजे डूबते हुए मंदिर से निकाला गया था, जिसके बाद मंदिर नदी में समा गया था. उसके बाद श्रीनगर जलविद्युत परियोजना की कार्यदाई संस्था जीवीके ने नए मंदिर का निर्माण शुरू किया.
मंदिर का निर्माण शुरू हुए 8 साल का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक मंदिर को फिनिसिंग टच नहीं दिया गया है, जिस कारण मां धारी देवी की मूर्ति को अभी तक नए मंदिर में स्थापित कर प्राण प्रतिष्ठा नहीं की गई है.
बदहाल हो रहा नया मंदिर:लेट लतीफी के कारण नए मंदिर की हालत भी खस्ता हो रही है. जगह-जगह पेंट उखड़ने लगा है और टाइल टूटने लगी है. मंदिर के पुजारियों का कहना है कि जब कभी अलकनन्दा नदी का जलस्तर बढ़ता है, तो नदी के ऊपर बना मंदिर कांपने लगता है. मंदिर पिल्लरों में कम्पन्न होने लगता है. पुजारियों ने शासन प्रशासन से मांग की है कि धारी देवी मंदिर में मुख्य मंदिर में जल्द से जल्द मूर्ति की स्थापना की जाए.