कोटद्वार: प्रदेश की रीढ़ की हड्डी माना जाने वाला लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पिछले 20 सालों से राजनीति का शिकार रहा है. लेकिन अब लगता है कि इसका निर्माण जल्द हो जाएगा. भारत सरकार और नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने सड़क निर्माण के लिए अनुमति दे दी है. हालांकि उन्होंने इस सड़क को बनाने के लिए कुछ शर्तें रखी हैं. इसके साथ ही इसके निर्माण के लिए शासन से स्वीकृति मिलना अभी बाकी है. इस मोटर मार्ग का निर्माण पौने दस करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा.
लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग उत्तराखंड बनने के बाद हर सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है. लेकिन 20 साल बीत जाने के बाद भी इस मोटर मार्ग का निर्माण नहीं हुआ. विगत 20 साल से लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर भाजपा-कांग्रेस ने राजनीति कर प्रदेश में अपनी सरकार बनाई, लेकिन अपने-अपने कार्यकाल के पांच साल में इस सड़क का निर्माण कार्य नहीं किया.
यह सड़क कोटद्वार भाबर ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की रीढ़ की हड्डी मानी जाती है. इस सड़क के बनने से प्रदेश की जनता को कुमाऊं से देहरादून और देहरादून से कुमाऊं जाने के लिए उत्तर प्रदेश की सड़कों का सहारा नहीं लेना पड़ेगा. लेकिन 20 सालों में सरकारों ने इस सड़क का निर्माण कार्य नहीं किया. वर्तमान सरकार के भी चार साल पूरे होने को है और अब सरकार नींद से जाग कर सड़क निर्माण की बात कह रही है. सरकार के मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि पौने दस करोड़ की लागत से सड़क का निर्माण कार्य किया जाएगा.