कोटद्वार: लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज का अधिकांश हिस्सा सीमा से लगा हुआ होने के कारण ये रेंज सुरक्षा की दृष्टि से अतिसंवेदनशील है. वहीं, वन विभाग के उच्च अधिकारियों की लापरवाही के चलते इस रेंज में वन कर्मियों के पास सिर्फ चार राइफल मौजूद है. ऐसे में वन कर्मियों की वन संपदा सुरक्षा पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं.
कोटद्वार रेंज की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही. बता दें कि कोटद्वार रेंज 14 बीटों से बनी हुई है, जिसमें सुरक्षा की दृष्टि से 14 आधुनिक हथियार होने चाहिए. वन विभाग के उच्च अधिकारियों की लापरवाही के कारण कोटद्वार रेंज में सिर्फ 4 राइफल ही मौजूद हैं.
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रेंजर कृष्ण बिहारी शर्मा ने बताया कि रेंज में हथियारों की भारी कमी है जबकि कोटद्वार रेंज में 14 बीट हैं तो 14 हथियार होने चाहिए. लेकिन, सिर्फ चार हथियारों के बल पर इलाके में गश्त की जाती है. आवश्यकता के अनुसार, रेंज के लिए 14 राइफल की जरूरत है. साथ ही जो फॉरेस्टर है उनके पास लाइट गन होनी चाहिए. लेकिन इस हथियारों के अभाव में वन्य जीवों और वन संपदा की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं.