कोटद्वार:फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वाले शातिर गिरोह का पौड़ी पुलिस ने पर्दाफाश किया है. 45 लाख रुपए की ठगी के मामले में पुलिस ने इस गिरोह के तीन सदस्यों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए कहा कि 29 नवंबर को जौनपुर कोटद्वार के रहने वाले ज्ञानेंद्र कुमार अग्रवाल ने कोटद्वार कोतवाली में तहरीर दी थी. उन्होंने बताया कि कुछ व्यक्तियों ने फर्जी प्रदीप सिंह बनकर फर्जी दस्तावेज के आधार पर उससे करीब 45 लाख रुपए की ठगी की. पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू की.
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पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी अमित नेगी उर्फ गोल्डी, राहुल सिंह पुत्र सुरेन्द्र सिंह, विनोद उर्फ अनिल पुत्र गगन सिंह, किरण पाल सिंह, तलविंदर सिहं उर्फ गोल्डी पुत्र भूपेंद्र सिंह, जावेद पुत्र फहमिद हुसैन, प्रदीप चमोली उर्फ भड्डू और सीता देवी पत्नी विनोद उर्फ अनिल निवासी शिवपुर कोटद्वार जनपद पौड़ी गढ़वाल ने पीड़ित ज्ञानेंद्र कुमार अग्रवाल से आपराधिक षड़यत्र रचकर करीब 45 लाख रुपए की ठगी की है.
पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दी. इसी बीच पुलिस ने सर्विलांस टीम की मदद से अमित नेगी उर्फ गोल्डी, राहुल सिंह और विनोद उर्फ अनिल को कालका दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. बाकी के पांच आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है.
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पुलिस पूछताछ में आरोपी अमित नेगी ने बताया कि उसने तलविंदर उर्फ उर्फ गोल्डी के साथ मिलकर पीड़ित अग्रवाल से जमीन खरीदने का प्लान बनाया. इसके लिए उन्होंने अनिल उर्फ विनोद को ज्ञानेंद्र के साथ जमीन खरीदने के लिए संपर्क किया. जमीन खरीदने के लिए तैयार होने के पश्चात जावेद और प्रदीप चमोली उर्फ भड्डू द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार किये गये. बैनामे के दिन आरोपियों ने किरण पाल राणा के फर्जी आधार कार्ड से प्रदीप सिंह विक्रेता के रुप में और राहुल सिंह को फर्जी गवाह बनाकर बैनामा करवाया गया.
अपराध करने का तरीकाः पुलिस ने बताया कि आरोपी पहले शहर में खाली पड़ी भूमि की जानकारी निकालते थे. फिर असली स्वामी की जानकारी लेकर उस जमीन की फर्द निकालकर सस्ते दामों में बेचने का लालच देकर लोगों को फंसाते थे. फर्जी दस्तावेज बनाकर असल में प्रयोग कर शहर के भोले भाले लोगों के साथ आपराधिक षड़यंत्र कर धोखाधड़ी करने का काम करते थे.