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कोटद्वारः बीजेपी के विरोध के बीच शरदोत्सव का रंगारंग शुभारंभ, सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां

कोटद्वार नगर निगम के तीन दिवसीय शरदोत्सव को लेकर भाजपा पार्षदों ने आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि बगैर समिति गठन किए गए इसका आयोजन हो रहा है. आयोजन के पहले दिन अनेक रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति हुई.

शरदोत्सव का रंगारंग शुभारंभ
शरदोत्सव का रंगारंग शुभारंभ

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Published : Jan 4, 2020, 2:54 PM IST

कोटद्वारः नगर निगम द्वारा तीन दिवसीय शरदोत्सव का आगाज किया गया. शरदोत्सव के पहले दिन हंसिका एवं कौथिगेर सांस्कृतिक संस्था द्वारा सबसे पहले रैली निकाली. खास बात ये है कि इस शरदोत्सव का भाजपा पार्षदों ने विरोध किया है और उन्होंने इस मामले में आपत्ति जताई है.

वहीं, शरदोत्सव में स्थानीय कलाकारों व सांस्कृतिक कला संगम समिति देहरादून के कलाकारों ने रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति से समा बांध दिया. प्रथम दिन के कार्यक्रम में विभिन्न सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा स्वच्छता सहित स्वास्थ्य को लेकर कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए.

शरदोत्सव का रंगारंग शुभारंभ.

इस मौके पर 'स्वच्छ कोटद्वार, सुंदर कोटद्वार' का संदेश देते हुए अपने आसपास साफ-सफाई रखने की अपील की गई. साथ ही स्वच्छता के प्रति जागरूक रहने का भी संदेश दिया गया. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार नगर निगम क्षेत्र के समस्त सरकारी और निजी विद्यालयों के छात्रों ने विभिन्न मार्गों से मालवीय उद्यान तक मार्च पास्ट निकालते हुए लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूकता का संदेश दिया.

दूसरी ओर इस शरदोत्सव को लेकर विरोध शुरू हो गया है. भाजपा पार्षद सौरभ नौटियाल ने कहा कि बगैर समिति गठन किए गए शरदोत्सव के नाम पर नगर निगम बोर्ड फंड से ₹2 लाख की धनराशि खर्च की जा रही है. एक ओर मेयर बजट का रोना रो रही हैं, वहीं बजट का दुरुपयोग कर रही हैं. यदि यह पैसा विकास कार्य में लगाया गया होता तो इसका लाभ जनता को मिलता, यह कोटद्वार शरदोत्सव नहीं है बल्कि कांग्रेस शरदोत्सव है.

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इस मामले में मेयर हेमलता नेगी ने कहा कि कोटद्वार शरदोत्सव बहुत जरूरी था. कुछ संस्थाएं हमारे पास आईं और कहा कि हम यहां पर शरदोत्सव मनाना चाहते हैं. इसलिए इसका आयोजन किया गया. इसके जरिए यहां के स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहन मिलेगा. साथ ही शरदोत्सव के सभी पार्षदों से बात की गई थी. साथ ही बोर्ड बैठक में एक पत्र भी जारी किया गया था. उस पत्र को आयुक्त के माध्यम से प्रत्येक पार्षदों तक पहुंचाया गया था. साथ ही घर-घर जाकर प्रत्येक पार्षद के साइन करवाए गए थे. भाजपा पार्षद शरदोत्सव में नहीं आए तो वह अलग वजह है.

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