श्रीनगर:प्रदेश का नया बजट सदन के पटल पर रखा जा चुका है. प्रदेश की इस सरकार का ये आखिरी बजट है. जिसमें सबसे बड़ी चुनौती सरकार के समुख कोरोना काल मे युवाओं को रोजगार प्रदान करनी की होगी. पेश हो चुके इस बजट पर हेमवंती नन्दन गढ़वाल केंद्रीय विवि के राजनीतिक विज्ञान के वरिष्ठ प्रोफेसर एमएम सेमवाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने इस बजट को जहा संतोष जनक माना तो वहीं कहा कि सरकार के समुख कोरोना काल में चुनौतियां और अधिक बढ़ी हैं.
प्रोफेसर एमएम सेमवाल ने कहा कि सरकार को खनन, शराब से इतर भी आय के नए संसाधनों को ढूंढना होगा. सरकार पूर्व में जहां ग्रामीण इलाकों में स्वयं सहायता समूहों के जरिए महिलाओं को आत्म निर्भर बना रही है, साथ में सरकार को इन महिलाओं द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों को बेचने के लिए बाजार की तलाश करनी होगी. पहाड़ी उत्पादों को हर्बल उत्पाद में बदलते हुए इनकी ब्रांडिंग के जरिए रोजगार उत्पन्न करना होगा. युवाओं को स्वरोजगार के प्रति जागरुक करना होगा. फूलों की खेती भी स्वरोजगार का बढ़िया साधन हो सकता है, जिसे बढ़ाने की कोशिश की जानी चाहिए.