श्रीनगर पहुंची जोशीमठ के युवाओं की पैदल यात्रा श्रीनगर: जोशीमठ आपदा के बाद से ही यहां के लोग काफी परेशान हैं. स्थानीय लोग सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं. अभी तक आपदा पीड़ितों को पूरा मुआवजा तक नहीं मिला है. हालात ये हैं कि जिन होटलों में आपदा पीड़ितों को रखा गया है, वहां से उन्हें कमरे खाली करने के लिए कहा जा रहा है. जिसके कारण आपदा पीड़ित परेशान हैं. आपदा पीड़ितों का दर्द लेकर जोशीमठ के युवाओं ने पैदल यात्रा शुरू की है. ये पैदल यात्रा आज श्रीनगर पहुंची. 14 मार्च को यात्रा देहरादून सीएम आवास की ओर कूच करेगी.
विनाशकारी विकास के ढांचे के खिलाफ, पर्यावरण, विश्व धरोहर हिमालय और जोशीमठ को बचाने का संदेश लेकर जोशीमठ की जनता के लिए न्याय की मांग के साथ जोशीमठ से देहरादून मार्च पर निकले ग्यारह जुझारू युवाओं का दल आज श्रीनगर पहुंचा. इस दल में सचिन रावत, आयुष डिमरी, मयंक भुंजवान, ऋतिक रागा, ऋतिक हिंदवाल, अभय राणा, कुणाल रागा, तुषार धीमान, अमन भौटीयाल, अंकित, लकी शामिल हैं.
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ये युवा जोशीमठ के विस्थापन और पुनर्वास की मांग को लेकर एक मार्च से जोशीमठ से देहरादून की 290 किलोमीटर की पैदल यात्रा पर निकले हैं. आपदाग्रस्त जोशीमठ का दर्द सरकार और शासन तक पहुंचाने के लिए निकाली जा रही यह यात्रा 14 मार्च को देहरादून पहुंचेगी. यात्रा के दौरान युवा जोशीमठ आपदा और जल विद्युत परियोजनाओं से होने वाले विनाश के बारे में लोगों को जागरूक कर रहे हैं. इस यात्रा के श्रीनगर पहुंचने पर छात्रों, युवाओं ने इनका स्वागत किया. श्रीकोट से श्रीनगर तक सभी लोगों ने इस पैदल मार्च में हिस्सा लिया.
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यात्रा में शामिल होने वाले रॉबिन असवाल ने कहा हमें समय रहते जागरूक होने की जरूरत है. वरना पूरे उत्तराखंड में जोशीमठ जैसे हालात पैदा होने में देर नहीं लगेगी. इन युवाओं को स्वागत करते हुए डॉ मुकेश सेमवाल ने कहा हमें एकजुट होकर जोशीमठ के लोगों के साथ खड़े होने की जरूरत है. सरकार को तत्काल जोशीमठ के लोगों के लिए योजनाएं बनाने की जरूरत है.
स्थानीय अनिल स्वामी ने कहा उत्तराखंड के युवा आज सरकार की अनियोजित अनियंत्रित विकास परियोजनाओं के कारण सड़कों पर हैं. नई सरकार युवाओं को न रोजगार दिला पा रही है और ना ही हमारे सांस्कृतिक धार्मिक नगरों की सुरक्षा के लिए कोई कदम उठा रही है. अभी जोशीमठ की स्थिति खराब है, आने वाले दिनों में पूरे उत्तराखंड का हाल जोशीमठ जैसा ही होने वाला है. इसलिए सभी को समय से जागरूक होने की जरूरत है.