कोटद्वार : पौड़ी जिले के कोटद्वार तहसील में रिवर चैनेलाइज के तहत नदियों में साफ-सफाई का कार्य किया जा रहा है. इसमें खोह नदी सहित तमाम नदियों में पट्टाधारियों द्वारा खनन का कार्य नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा है. साथ ही पट्टाधारियों के द्वारा नदियों में खनन कर आरबीएम को बेचा जा रहा है, जिसको देखते हुए बीएमसी के अध्यक्ष राकेश बिष्ट व उनकी टीम ने जिलाधिकारी पौड़ी, एनजीटी देहरादून, उपजिलाधिकारी कोटद्वार को पत्र लिखकर पट्टाधारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
नियमों को ताक पर रखकर हो रहा खनन. बता दें कि रिवर ट्रेनिंग नीति के मुताबिक नदियों में कुल चौड़ाई का दोनों तरफ 25% छोड़ना होता है, व बीच में डेढ़ मीटर गहराई तक खुदाई कर नदी को नहरीकरण का स्वरूप देना होता है, लेकिन खनन के पट्टाधारियों के द्वारा नदियों में गड्ढे बनाये जा रहे हैं जो कि आने वाली बरसात में भयानक बाढ़ का कारण बन सकते हैं.
बीएमसी के अध्यक्ष राकेश बिष्ट ने बताया कि खनन मानकों के अनुसार नहीं हो रहा है. डंपर क्षमता के दोगुने लोड लेकर शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं. इस कारण शहर की अधिकांश सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. वहीं, सड़कों पर तीन से चार फीट गहरे गड्ढे हो गए हैं. इस कारण से सड़कों पर पड़ी पाइप लाइन लीक होने लगी हैं, साथ ही देर रात तक चोरी-छिपे नदियों में खनन का कार्य किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें:खनन माफिया ने पत्रकार से की मारपीट, मूकदर्शक बनीं पुलिस
इस दौरान उन्होंने कहा कि खोह नदी में भी सरकार ने कुछ पट्टे आवंटित किए हैं, लेकिन पट्टाधारियों के द्वारा नदियों में नियम-कानूनों को ताक में रखकर खनन किया जा रहा है. इससे बरसात में बाढ़ का खतरा भी मंडरा रहा है और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है. स्थिति यह है कि स्टेडियम की दीवार को भी खोद दिया गया है, जो कि आने वाली बरसात में ढहने की कगार पर है. इसी को देखते हुए बीएमसी की टीम ने जिलाधिकारी पौड़ी, एनजीटी देहरादून, उपजिलाधिकारी कोटद्वार को एक शिकायती पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है.