कोटद्वार: स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से खनन माफिया दिनदहाड़े नदियों का सीना चीर रहे हैं. ऐसे में अवैध खनन के कारण नदियों में 2 से 3 मीटर तक गहरे गड्ढे बन दिये गए हैं. जो बरसात में बड़ी त्रासदी का कारण बन सकते हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन चैन की नींद सो रहा है. यह बताना भी जरूरी है कि कोटद्वार क्षेत्र में चुगान और खनन के लिए सभी नदियां पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है. बावजूद उसके इन नदियों में धड़ल्ले से अवैध खनन चल रहा है.
कोटद्वार नगर क्षेत्र में स्थानीय प्रशासन ने 2 दर्जन से भी अधिक आरबीएम स्टॉक करने की परमिशन दी हुई है जबकि, कोटद्वार नगर क्षेत्र में सभी नदियां चुगान और खनन के लिए पूर्णरूप से प्रतिबंधित हैं. उसके बाद भी प्रशासन की मिलीभगत से इन आरबीएम के स्टॉकों से रोजाना दर्जनों डम्पर आरबीएम भरकर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में जा रहे हैं.
सवाल यह है कि आखिर जब नदियां चुगान और खनन के लिए पूर्ण रूप से बंद है तो इन आरबीएम के स्टॉकों में आरबीएम कहां से आ रहा है. वहीं, स्थानीय प्रशासन इन आरबीएम स्टॉकों की जांच करने की जहमत तक नहीं उठाई. प्रशासन की लापरवाही के कारण आरबीएम स्टॉक के अनुज्ञापी नदियों का सीना चीरकर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में अपना कारोबार कर रहे हैं.