कोटद्वार: मालन नदी में वन निगम को 35 हेक्टेयर भूमि पर 55 हजार घन मीटर रेत बजरी, पत्थर का उठान कि अनुमति दी गयी थी, ताकि सरकार प्रतिदिन लाखों रुपये का राजस्व कमा सके. मगर वन निगम, स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की लापरवाही के कारण सरकार को रोजाना लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. अगर प्रशासन समय रहते नहीं जागा तो निगम अपना टारगेट पूरा करने में सफल नहीं होगा.
कोटद्वार तहसील क्षेत्र स्थित मालन नदी के 35 हेक्टेयर क्षेत्र प्रशासन ने चुगान के लिए वन निगम को दिया है. जिस पर वन निगम ने बीते 8 दिसम्बर 2020 से चुगान का कार्य शुरू कर दिया था, लेकिन दिसम्बर और जनवरी माह में निगम ने कुल 10 हजार घन मीटर रेत बजरी आरबीएम पत्थर का चुगान किया. जिससे वन निगम की 44 लाख रुपये लगभग की आय हुई, तो वहीं वन विभाग को 11 लाख रुपये TF के रूप में प्राप्त हुये. वन विभाग, वन निगम व स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से सरकार को हर रोज लाखों रुपये के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है.
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