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हनुमान जयंती: हरिद्वार में भक्तों ने बजरंगबली को चढ़ाया 51 किलो के लड्डू का भोग

हनुमान जयंती के मौके पर श्रद्धालु और भक्तजन विभिन्न मंदिरों में पहुंचकर संकटमोचन हनुमान का पूजा-अर्चना कर रहे हैं. लोग सुबह से ही लाईनों में लगकर पूजा-अर्चना कर बजरंग बली का आशीर्वाद लेते नजर आये.

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Published : Apr 19, 2019, 7:52 PM IST

Updated : Apr 19, 2019, 8:53 PM IST

Hanuman Jayanti celebrated in Uttarakhand

हरिद्वार/पौड़ीःआज पूरे देश में हनुमान जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है. इसी को लेकर श्रद्धालु और भक्तजन विभिन्न मंदिरों में पहुंचकर संकटमोचन हनुमान का पूजा-अर्चना कर रहे हैं. इसी क्रम में उत्तराखंड में भी हनुमान मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. यहां लोग सुबह से ही लाईनों में लगकर पूजा-अर्चना कर बजरंग बली का आशीर्वाद लेते नजर आये.

उत्तराखंड में धूमधाम से मनाया गई हनुमान जयंती.


संकटमोचन हनुमान मंदिर में भक्तों ने चढ़ाया 52 किलो बूंदी के लड्डू का भोग
हनुमान जयंती के मौके पर धर्मनगरी के निरंजनी अखाड़े के प्राचीन श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा. गुरुवार देर रात से ही इस मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना शुरु हो गई थी. जहां रात को ही मंदिर में चोला चढ़ाया. वहीं, सुबह विशेष अभिषेक किया गया. इस दौरान भक्तों ने 51 किलो के बूंदी के लड्डू के साथ छप्पन भोग का भोग लगाया गया.


माना जाता है कि यह मंदिर हरिद्वार का सबसे प्राचीन हनुमान मंदिर है. जो करीब 100 साल से भी पुराना है. कहा जाता है इस मंदिर में दर्शन करने पर हनुमान भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

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हनुमान मंदिर में बाबा नीम करौली ने स्थापित की थी हनुमान जी की मूर्ति
हनुमान जयंती के अवसर पर पौड़ी के हनुमान मंदिर में सुबह से ही भक्त हनुमान जी के दर्शन करने पहुंचे. एकमात्र हनुमान जी का मंदिर होने के कारण इस मंदिर में हर मंगलवार को हनुमान जी के पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं. हर मंगलवार की शाम को यहां पर हनुमान चालीसा का पाठ के साथ विशेष पूजा-अर्चना होती है, लेकिन हनुमान जयंती के मौके पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखने को मिली.


बता दें कि ये मंदिर पौड़ी शहर से करीब 4 किलोमीटर दूरी पर चीड़ और बांज के घने जंगलों के बीच स्थित है. मंदिर के पुजारी गीता राम जोशी ने बताया कि इस मंदिर को स्थानीय निवासी शिब्बू घिल्डियाल ने साल 1992 में बनाया था. इस मंदिर में स्थापित हनुमान जी की मूर्ति को किंकालेश्वर के पास की यम गुफा से लाया गया था. उन्होंने बताया कि हनुमान जी के परम भक्त माने जाने वाले बाबा नीम करौली साल 1973 में पौड़ी आये थे. उस दौरान उन्होंने किंकालेश्वर के समीप यम गुफा में मूर्ति को रख दिया था. जिसके बाद साल 1992 में नागदेव के पास हनुमान मंदिर का निर्माण करने के बाद यम गुफा से मूर्ति को लाकर यहां स्थापित किया गया. मंदिर बनने के बाद दूर-दूर से लोग यहां दर्शन करने पहुंच रहे हैं.

Last Updated : Apr 19, 2019, 8:53 PM IST

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