पौड़ी: बीती देर शाम गुलदार ने पौड़ी रेंज के अंतर्गत दो जगहों पर हमला किया. पहले हमले में एक बालिका गंभीर रूप से घायल हुई है. दूसरे हमले में एक व्यक्ति को गुलदार ने गंभीर रूप से घायल कर दिया. राहत की बात ये रही कि इन दोनों ही हमलों में किस्मत अच्छी होने के चलते उनकी जान बच गई,
गुलदार ने किया दो लोगों पर हमला: जिला मुख्यालय पौड़ी में गुलदार का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. कभी शहर के पास ही तीन-तीन गुलदार खुलेआम दिखाई दे रहे हैं, तो कभी गुलदार घर में ही घुसकर लोगों पर हमला कर रहे हैं. गढ़वाल वन प्रभाग की पौड़ी रेंज नागदेव के अंतर्गत मंगलवार देर शाम गुलदार ने दो अलग-अलग जगहों पर हमला कर दो लोगों को घायल कर दिया. गनीमत रही कि इन हमलों में उनकी जान बच गई. वहीं वन विभाग द्वारा घायलों का उपचार जिला अस्पताल में किया जा रहा है. साथ ही विभाग द्वारा उन्हें फौरी राहत राशि भी मुहैया कराई गई है.
घर आंगन तक पहुंचे गुलदार: गढ़वाल वन प्रभाग की पौड़ी रेंज गुलदारों के लिए सबसे पसंदीदा जगहों में से एक बनती जा रही है. रेंज में पर्याप्त सघन वन होने के साथ ही आबादी का घनत्व भी पौड़ी जिले की अन्य रेंजों के सापेक्ष सर्वाधिक है. ऐसे में गुलदार अब लोगों पर सीधे घर आंगन में ही हमला करने से नहीं चूक रहे हैं. मंगलवार देर शाम गुलदार ने पौड़ी रेंज के अंतर्गत दो जगहों पर हमला कर एक बालिका और एक व्यक्ति को गंभीर रूप से घायल कर दिया.
यहां किया गुलदार ने पहला हमला: पौड़ी रेंज के रेंजर ललित मोहन नेगी ने बताया कि पौड़ी शहर के वार्ड नंबर 11 में गडोली के समीप गुलदार ने एक बालिका पर हमला कर उसे घायल कर दिया. बालिका अपने घर के आंगन के पास ही गेट पर कुत्ते को लेकर घूम रही थी. तभी घात लगाए गुलदार ने उस पर झपटा मार दिया. घर के अन्य लोगों के शोर मचाने के बाद गुलदार भाग गया. लेकिन इस हमले में 10 साल की आरुषि पुत्री रवींद्र सिंह के चेहरे पर गहरे जख्म बन गये हैं.
यहां किया गुलदार ने दूसरा हमला: वहीं रेंज के अंतर्गत ही ल्वाली क्षेत्र के ग्राम तमलाग में 40 वर्षीय विक्रम लाल घर के आंगन में बने बेड़े में अपनी बकरियों को बांध रहे थे. तभी गुलदार ने उन पर झपट्टा मार दिया. गुलदार का हमला इतना जोरदार था कि विक्रम लाल इस झटके में एक किनारे गिर गये. जिससे उसकी बायीं आंख पर निशान पड़ गया. इसके बाद गुलदार ने उनके गले और चेहरे पर पंजों से वार किया. लेकिन अन्य लोगों के हो-हल्ला करने पर गुलदार जंगल की तरफ भाग गया. जिससे विक्रम लाल की जान बच गई. सूचना पाकर पहुंची वन विभाग की टीमों ने उन्हें समय रहते जिला अस्पताल पहुंचाया.
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रेंजर ने क्या कहा: रेंजर ललित मोहन नेगी ने बताया कि दोनों लोगों को फौरी सहायता राशि प्रदान कर दी गई है. साथ ही दोनों जगहों पर गश्ती दल भी तैनात कर दिए गए हैं. जरूरत पड़ी तो वहां पर पिंजरे भी लगाए जाएंगे.