श्रीनगर: चारधाम यात्रा मार्ग पर कूड़े का निस्तारण सरकार, प्रशासन और स्थानीय निकायों को लिए कितनी बड़ी समस्या बन गया है, इसका एक उदाहरण पौड़ी जिले के श्रीनगर में देखने को मिल सकता है. ईटीवी भारत पिछले कुछ दिनों से लगातार चारधाम यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले शहरों में कूड़ा निस्तारण के इंतजामों का रियलिटी चेक कर रहा है.
धामी सरकार ने श्रीनगर को नगर निगम का दर्जा तो दे दिया है, लेकिन व्यवस्थाओं के नाम पर यहां नगर पालिका जितना भी सुविधाएं नहीं हैं. यहां पर रोजाना करीब 11 टन कूड़ा निकलता है. पर्यटन सीजन में ये और भी ज्यादा हो जाता है. लेकिन श्रीनगर नगर निगम के पास इस कूड़े के निस्तारण का कोई इंतजाम नहीं है. यही कारण है कि इस कूड़े को अलकनंदा नदी के मुहाने पर डंप कर दिया जाता है और बाद में इसमें आग लगा दी जाती है.
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श्रीनगर में सबसे बड़ी समस्या ट्रेंचिंग ग्राउंड की है. ट्रेंचिंग ग्राउंड नहीं होने के कारण एक तो यहां कूड़े का निस्तारण सही तरीके से नहीं हो पाता है और दूसरा ये कि कूड़ा इधर-उधर फेंका जाता है. श्रीनगर निगम के अधिकारी भी इस बात को मानते हैं कि शहर में ट्रेंचिंग ग्राउंड की बहुत जरूरत है.
चारधाम यात्रा मार्ग पर पड़ने वाला श्रीनगर इकलौता शहर नहीं है, जहां पर इस तरह के हालात देखने को मिले हैं. इसके पहले उत्तरकाशी में इसी तरह की स्थिति देखने को मिली थी. उत्तरकाशी में भी शहर का कूड़ा को अलकनंदा नदी में बहा दिया था. इन तस्वीरों को देखकर आप खुद अंदाजा लगा सकते है कि स्वर्ग से सुंदर देवभूमि को किसी तरह के कूड़े ढेर में तब्दील किया जा रहा है.
चारधाम यात्रा मार्ग का हाल