कोटद्वार : गढ़वाल मंडल के पौड़ी जिले में आये दिन गुलदार के आतंक की खबरें सामने आ रही हैं. गुलदार के हमलों के कारण अब लोग अपना घर-गांव छोड़ने को मजबूर हैं. ऐसी ही कहानी यमकेश्वर विधानसभा के दुगड्डा ब्लॉक मुख्यालय के समीप बसे गोदी गांव की है, जो गुलदार की दहशत के कारण पूरी तरह से खाली हो गया है. कभी 12-14 परिवारों से गुलजार रहने वाला ये गांव अब विरान हो चुका है. गुलदार की दहशत ने यहां के लोगों के मन में ऐसा खौफ भर दिया है कि वे अपना सब कुछ छोड़कर किराये पर रहने को मजबूर हो गये हैं.
19 जुलाई की सुबह गोदी गांव के निवासी मनोज की पत्नी बच्चे को स्कूल छोड़ने गई थी. वापसी में गुलदार ने घात लगाकर मनोज की पत्नी को लहुलुहान कर दिया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. तब से गोदी गांव ग्रामीण डर के साये में जीने को मजबूर थे. ग्रामीणों की मांग पर गोदी गांव में वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा भी लगाया. जिसमें गुलदार कैद भी हुआ. गोदी गांव के ग्रामीणों बताया की पिंजरे में गुलदार कैद होने के बाद अन्य गुलदार गांव के आस-पास अक्सर दिखाई दे रहे हैं. गांव में गुलदार की दहशत से सभी ग्रामीणों ने एक साथ गांव छोड़ने में ही भलाई समझी. अब सभी ग्रामीण निकट बाजार दुगड्डा में किराये के घरों में रह रहे हैं.
गोदी गांव के मनोज चौधरी 20 वर्षों के बाद जुलाई माह के शुरू में ही दिल्ली से सपरिवार गांव वापस लौटे थे. यहां लौटने के 9 दिन बाद ही उनकी पत्नी की गुलदार के हमले में मौत हो गई. मनोज अपनी आप बीती सुनाते हुए कहते हैं कि उन्होंने सोचा था सारा जीवन दिल्ली में गुजारने के बाद अब गांव वापस लौटने का वक्त है. वे गांव में रहकर अपनी मां और खेती बाड़ी की देखभाल करना चाहते थे, मगर 9 दिन में ही ऐसा हुआ कि उनकी सारी योजना धरी की धरी रह गई.