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अच्छी पहल: प्राइमरी स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल हुई गढ़वाली पुस्तकें

गढ़वाली बोली के संरक्षण में नैनिहालों की बहुत बड़ी भूमिका है.इसी उद्देश्य से सभी प्राइमरी विद्यालयों में  गढ़वाली पाठ्यक्रम का पठन-पाठन करवाया जा रहा है. पौड़ी जिलाधिकारी धीराज सिंह ने बताया कि सभी सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को  गढ़वाली पाठ्यक्रम की पुस्तकें वितरित की गई हैं.

डीएम ने वितरित की गढ़वाली पाठ्यक्रम की पुस्तकें.

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Published : Jul 20, 2019, 9:23 PM IST

पौड़ी:जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल के लंबे प्रयासों के बाद सोमवार से पौड़ी ब्लॉक के सभी प्राइमरी विद्यालयों में गढ़वाली पाठ्यक्रम की पुस्तकों को पढ़ाया जाएगा. जिसके लिए शनिवार को सभी स्कूलों में गढ़वाली पाठ्यक्रम की पुस्तकें वितरित की गयी. इस मौके पर पौड़ी जिलाधिकारी ने सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों से गढ़वाली के संरक्षण पर जोर देने को कहा. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य नौनिहालों में गढ़वाली के प्रति जागरूकता लाना है.

डीएम ने वितरित की गढ़वाली पाठ्यक्रम की पुस्तकें.

जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल ने कहा कि गढ़वाली बोली के संरक्षण में नैनिहालों की बहुत बड़ी भूमिका है.इसी उद्देश्य से सभी प्राइमरी विद्यालयों में गढ़वाली पाठ्यक्रम का पठन-पाठन करवाया जा रहा है. पौड़ी जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल ने बताया कि सभी सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को गढ़वाली पाठ्यक्रम की पुस्तकें वितरित की गई हैं. यह पुस्तकें पहली कक्षा से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए दी गई हैं. पौड़ी ब्लॉक के लगभग 5 हजार बच्चों को सोमवार से इस पाठ्यक्रम को पढ़ाया जाएगा.

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इस मौके पर निजी विद्यालय की प्रधानाचार्य अमृता रावत ने बताया कि पौड़ी ब्लॉक में गढ़वाली पाठ्यक्रम की शुरुआत एक सराहनीय कदम है. उन्होंने कहा कि बचपन से ही लोग अपने बच्चों को अंग्रेजी विद्यालय में भेजते हैं ताकि उनका बच्चा अच्छी अंग्रेजी सीख सकें. जिसके चलते वर्तमान में हम अपनी बोली-भाषा से दूर होते जा रहे हैं. लिहाजा, हिंदी और अंग्रेजी के साथ-साथ गढ़वाली बोली पाठ्यक्रम को भी शामिल करना बेहद जरूरी है..

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