कोटद्वार:मुरली सिंह रावत जिनका भारत की स्वतंत्रता में बहुत बड़ा योगदान है, उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र से आते थे. मुरली सिंह रावत की प्राथमिक शिक्षा गांव के स्कूल में हुई जिसके पश्चात 1937 में वे सेना में भर्ती हुये. उन्होंने मात्र 18 वर्ष की उम्र में फौज में भर्ती होने के लिये आर्मी ट्रेनिंग स्कूल लैंसडाउन में गढ़वाल रॉयल में एडमिशन ले लिया था. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मुरली सिंह रावत के निधन पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने संवेदना संदेश में कहा कि हमने एक महान गांधीवादी विचारक खो दिया है.
आजाद हिंद फौज से जुड़े: जुलाई 1943 में सिंगापुर में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस द्वारा आजाद हिन्द फौज (INA) के गठन के बाद मुरली सिंह रावत भी आजाद हिन्द फौज के सैनिक बन गए. जहां पर उन्होंने ऑफिसर ट्रेनिंग स्कूल की परीक्षा पास की और उन्हें लेफ्टिनेंट के पद पर प्रोन्नत किया गया. उन्होंने कर्नल जीएस ढिल्लन के नेतृत्व में चौथी गुरिल्ला रेजिमेंट जो बाद में जवाहर रेजिमेंट के नाम से जानी गई ज्वाइन की.