पौड़ीःआखिरकार दस सालों के लंबे इंतजार के बाद उत्तराखंड एनआईटी को स्थायी परिसर मिलने जा रहा है. स्थायी कैंपस के शिलान्यास को लेकर महकमा तैयारियों में जुट गया है. 19 अक्टूबर यानि कल मानव संसाधन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पौड़ी के सुमाड़ी में एनआईटी भूमि का पूजन कर शिलान्यास करेंगे.
9 अक्टूबर को पौड़ी के सुमाड़ी में उत्तराखंड एनआईटी के स्थायी परिसर का होगा शिलान्यास. बता दें कि, साल 2009 में एनआईटी के निर्माण को स्वीकृति मिली थी. जिसके बाद साल 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत एनआईटी का शिलान्यास सुमाड़ी में कर चुके हैं, लेकिन बीते 9 सालों से एनआईटी का स्थायी परिसर आज तक बन कर तैयार नहीं हो पाया. वर्तमान में संस्थान को श्रीनगर के पॉलीटेक्निक में संचालित किया जा रहा है.
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इतना ही नहीं बीते साल सड़क हादसा होने के बाद छात्रों ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया था. साथ ही छात्रों की ओर से स्थायी कैंपस की मांग के विरोध के चलते इसे जयपुर शिफ्ट किया गया, लेकिन काफी जद्दोजहद के बाद आखिरकार सुमाड़ी के नाम पर एक बार फिर मुहर लगी है. पहले चरण में इसके लिए 700 करोड़ की लागत से 300 एकड भूमि पर 1260 छात्रों के लिए व्यवस्था का लक्ष्य रखा गया है.
राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थान (एनआईटी) उत्तराखंड के स्थायी परिसर का सुमाडी में 19 अक्टूबर को शिलान्यास किया जाएगा. मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से इसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं. इस कार्यक्रम में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निंशक, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत सरकार के कई मंत्री शामिल होंगे.
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वहीं, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी ट्वीटकर खुशी जताई है."हर्ष की बात है कि 19 अक्टूबर 2019 को सुमाड़ी गाँव में NIT के स्थाई कैंपस का शिलान्यास होने जा रहा है. पहाड़ में NIT जैसा संस्थान सभी उत्तराखंडवासियों का सपना रहा है और बहुत जल्द यह सपना साकार होने जा रहा है"- सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत
उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि श्रीनगर में 19 अक्टूबर को होने वाले कार्यक्रम को लेकर अधिकारियों की बैठक की गई है. कल एनआईटी सुमाड़ी के भूमिपूजन और शिलान्यास कार्यक्रम रखा गया है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों की ओर से एनआईटी के विरोध में अफवाह फैलाई थी, उनके लिए ये करारा तमाचा होगा. शिलान्यास के बाद जल्द ही इसका निर्माण कर क्षेत्र का विकास किया जाएगा.