पौड़ी: उत्तराखंड में इस बार फायर सीजन से पहले ही जंगलों में आग लगना शुरू हो गया है. जिससे वन संपदा के साथ-साथ पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है. वहीं वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि हर साल 15 फरवरी से 15 मई तक फायर सीजन घोषित होता था. लेकिन अब वन विभाग पूरे साल फायर सीजन को लेकर धनराशि की आवश्यकता पड़ेगी. वही कैंपा में धनराशि सुरक्षित है. आगामी वित्तीय वर्ष के लिए वह भारत सरकार से एक हजार करोड़ रुपये की धनराशि जंगलों की सुरक्षा के लिए मांग करेंगे. इसके साथ ही जंगलों में लगने वाली आग, पशु-पक्षियों वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए भी 10 हजार वन प्रहरियों की भर्तियां आयोजित की जाएंगी.
उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार लग रही आग चिंता का विषय बनी हुई है. पहले फायर सीजन के दौरान अधिकतर आग लगने की घटनाएं होती थी, लेकिन अब फायर सीजन से पहले ही जंगलों में आग लगने शुरू हो गई है. जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है.