श्रीनगर: पिछले कई दिनों पहाड़ में धधक रहे जंगलों में लाखों की वन संपदा जलकर राख हो रही है. प्रदेश में अब तक आग लगने से चार लोग और सात जानवर की जलकर मौत हो चुकी है. वहीं, अबतक 1265 हेक्टेयर वन संपदा आग में स्वाहा हो चुकी है.
वन मंत्री ने दिए सख्त निर्देश प्रदेश में अब तक वनाग्नि की 964 घटनाएं हो चुकी हैं. वहीं, वन विभाग अब जाकर अपनी नींद से जागा है. वन मंत्री हरक सिंह रावत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि जंगलों में आग लगाने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा. वन विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमे पंजीकृत करने जा रहा है. अगर आग लगाने वाले लोगों का पता नहीं भी चला तो मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर जांच की जाएगी.
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हरक सिंह रावत ने कहा कि अभी तक सिविल सोयम वन प्रभाग के अधिकारियों को आग लगाने वालों के खिलाफ मुकदमे पंजीकृत करने की अनुमति नहीं थी. लेकिन अब उन्हें भी मुकदमा करने की ताकत दी जा रही है. अब वे भी आग लगाने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमे पंजीकृत करेंगे, साथ ही आग लगाने वाले लोगों के साथ सख्ती के साथ निपटा जाएगा. उन्होंने कहा कि हर बड़े छोटे अधिकारी को आग बुझाने जाना होगा. वे स्वयं भी वन मंत्री के तौर पर आग बुझाने के लिए जाएंगे ओर लोगों को जागरूक करेंगे.
उन्होंने कहा की जहां विभाग सख्ती के साथ शरारती तत्वों से निपटने की तैयारी कर रहा है. वहीं, अब प्रदेश की हर डिवीजन में सबसे पहले आग पर काबू पाने वाले महिला मंगल दल, युवा मंगल दल, महिला समूह, स्वयं सहायता समूह, वन पंचायत, ग्राम पंचायत को सम्मानित किया जाएगा. हर डिवीजन में उन्हें प्रथम पुरस्कार के तौर पर 1 लाख, चार पुरस्कार 51-51 हजार, 10 पुरस्कार 31-31 हजार के तौर पर दिया जाएगा.