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वनाग्नि रोकने के लिए जंगल से सूखे पत्ते हटा रहा वन विभाग, क्रू स्टेशनों का भी हो रहा निर्माण

वन संपदा को बचाने के लिए वन महकमा हर प्रयास पर जुटा है. जिसके लिए वन विभाग जंगलों और सड़कों पर पड़े चीड़ और बाज के सूखे पत्तों को साफ कराने का काम कर रहा है, क्योंकि सड़क पर पड़े सूखे पत्तों में लगी आग ही कई बार घने जंगलों तक पहुंच जाती है. जिस पर काबू पाना कठिन हो जाता है.

वन विभाग जंगलों और सड़कों पर पड़े चीड़ और बाज के सूखे पत्तों को साफ कराने का काम कर रहा है.

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Published : Apr 27, 2019, 10:07 PM IST

पौड़ी: जंगलों में लगने वाली आग से हर साल कई हेक्टेयर वन संपदा जलकर राख हो जाती है. वहीं वन्य जीवों को भी बेवजह अपनी जान गवांनी पड़ती है. वनों की इस क्षति को कम करने के लिए वन विभाग हर साल फायर सीजन में सतर्कता बरतता आ रहा है. लेकिन इस साल बदलते मौसम के चलते लगातार हो रही बारिश के चलते जंगलों में नमी बनी हुई है. जिससे जंगलों में आग लगने की घटना अभी तक सामने नहीं आई है. साथ ही वन विभाग जंगलों को आग से बचाने के लिए तैयारियों में जुटा है.

जानकारी देते डीएफओ लक्ष्मण सिंह रावत.

बता दें कि वन संपदा को बचाने के लिए वन महकमा हर प्रयास पर जुटा है. जिसके लिए वन विभाग जंगलों और सड़कों पर पड़े चीड़ और बाज के सूखे पत्तों को साफ कराने का काम कर रहा है, क्योंकि सड़क पर पड़े सूखे पत्तों में लगी आग ही कई बार घने जंगलों तक पहुंच जाती है. जिस पर काबू पाना कठिन हो जाता है.

इसलिए वन विभाग की ओर से इन पत्तों को पहले ही साफ किया जा रहा है ताकि आग लगने की कोई संभावना ही ना रहे. जिसके चलते विभाग की ओर से अलग-अलग स्थानों में कर्मचारियों को भेजकर समय-समय सफाई का काम करवाया जा रहा है.

वहीं डीएफओ पौड़ी लक्ष्मण सिंह ने बताया कि 15 फरवरी से गर्मी के सीजन की शुरुआत हो गयी है. जंगलों को आग से बचाने के लिए क्रू स्टेशन का निर्माण करया गया है और विभाग के कर्मचारियों को पूरी तरह तैयार रहने को कहा गया है. साथ ही जंगलों में गिर रहे सूखे पत्तों को साफ कराया जा रहा है ताकि जंगलों में आग ना लगे.

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