पौड़ी: वन विभाग द्वारा वनों की सुरक्षा के लिए वन पंचायत सरपंचों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें की सरपंचों को उनके अधिकारों और दायित्वों की जानकारी दी गई. इसके साथ ही कार्यशाला में बताया गया कि वनों को सुरक्षित रखने के लिए सरपंचों की अहम भूमिका होती है. फायर सीजन में सरपंचों की मदद से ही वनों को आग से बचाया जाता है, यदि कोई भी व्यक्ति वनों को नुकसान पहुंचाता है तो सरपंच अपने अधिकार के तहत कार्रवाई कर सकते हैं.
कार्यशाला में वनों की सुरक्षा को लेकर चर्चा. ये भी पढ़ें:उत्तराखंड में BSNL की सेवाएं होंगी प्रभावित, बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने लिया स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति
वहीं कार्यशाला के संयोजक अजय लिंगवाल ने बताया कि वन पंचायत सरपंच के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था. जिसमें उनके अधिकारों के साथ-साथ उनके कर्तव्यों की जानकारी भी दी गई. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हर साल फायर सीजन के दौरान जंगल जलकर खाक हो जाते हैं. जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है.
वहीं वनों के हर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए जरूरी है कि वन विभाग और वन पंचायत मिलकर एक साथ कार्य करें. इसके साथ ही फायर सीजन से पूर्व पंचायत सरपंचों के चुनाव संपन्न करवा लिए जाएंगे ताकि नए सरपंचों के साथ मिलकर फायर सीजन की तैयारी की जा सकें. साथ ही जंगलों को आग से बचाया जा सके. बता दें कि प्रदेश में फायर सीजन में जंगलों में महीनों तक आग धधकती है. जिससे काफी वन संपदा का नुकसान होता है. फायर सीजन से पहले वन विभाग की इस तरह की कार्यशाला से वनाग्नि को रोकने का प्रयास कर रहा है.