उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजे गए लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी, सत्ता पलटने का रखते हैं माद्दा

उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक गायक 'गढ़ रत्न' नरेंद्र सिंह नेगी को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. दरअसल, यह अवॉर्ड रोटरी क्लब अलकनंदा वैली ने अपने द्वितीय अधिष्ठापन समारोह में दिया. नरेंद्र नेगी वो शख्सियत हैं, जिनकों गीत उत्तराखंड के कोने-कोने में रचे बसे हैं और उनके गीत सत्ता पलटने का माद्दा भी रखते हैं. जानिए कैसे दो-दो मुख्यमंत्रियों पर भारी पड़े थे गढ़ रत्न नेगी दा...

Narendra Singh Negi received Lifetime Achievement Award
लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी

By

Published : Aug 1, 2022, 5:55 PM IST

श्रीनगर: रोटरी क्लब अलकनंदा वैली का द्वितीय अधिष्ठापन समारोह मलेथा स्थित एक होटल में धूमधाम के साथ मनाया गया. इस मौके पर गढ़ रत्न और प्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी को लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान से नवाजा गया. इसके अलावा अलग-अलग बोर्डों के हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट टॉपरों का भी सम्मानित किया गया.

रोटरी क्लब अलकनंदा वैली के अधिष्ठापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर 'इलेक्ट' रो अनूप कुमार मोगिया ने क्लब के कार्यों की सराहना की. उन्होंने रोटरी नियमानुसार नवनियुक्त अध्यक्ष प्रो. एसपी काला और सचिव अर्जुन सिंह गुसांई को कॉलर पहनाकर समस्त रोटेरियंस को रोटरी शपथ दिलवाई. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जिस प्रकार क्लब विभिन्न क्षेत्रों में सफलता पूर्वक सेवा कार्य किए गए हैं, वो बेहद सराहनीय है. पूरे जिले में अलकनंदा वैली को सर्वश्रेष्ठ क्लब से नवाजा जाना इस बात का प्रमाण है.

ये भी पढे़ंःआजादी का जश्न लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी के संग, जानें गढ़ रत्न के अनछुए पहलू

वहीं, विशिष्ट अतिथि लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने क्लब की ओर से दिए गए सम्मान के लिए आभार जताया. उन्होंने क्लब की ओर से किए जा रहे सेवा कार्यों को सराहनीय बताया. इस मौके पर निवर्तमान सचिव वेदव्रत शर्मा ने बीते साल क्लब की ओर से किए गए कार्यों का ब्यौरा रखा. जिले में सर्वश्रेष्ठ अध्यक्ष चुने गए निवर्तमान अध्यक्ष एसडी जोशी ने कहा कि आगे भी क्लब बढ़ चढ़कर जनसेवा कार्य करेगा.

लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी के बारे में जानकारीःनरेंद्र सिंह नेगी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. उत्तराखंड का हर बच्चा-बच्चा उनके गीतों से वाकिफ है. कहा जाता है कि अगर उत्तराखंड को समझना है तो नरेंद्र सिंह नेगी के गीत सुन लीजिए. आपको यहां का भूगोल, इतिहास, संस्कृति, खान-पान, जल-जंगल-जमीन और मठ-मंदिरों के बारे में नेगीजी के गीतों से पता चल जाएगा. उनके गीतों में हर रंग मिल जाएगा.

लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी का जन्म 12 अगस्त 1949 को पौड़ी जिले में हुआ. उन्होंने अपनी पढ़ाई-लिखाई पौड़ी से ही की. पांच बहनों और दो भाइयों के परिवार वाले नरेंद्र सिंह नेगी को गाने की प्रेरणा बैसाखी के बाजुबंद और झुमैलो जैसे लोकगीतों से मिली. इन्हीं गीतों को गुनगुनाते हुए वो बड़े हुए. पढ़ाई पूरी करने के बाद नरेंद्र सिंह नेगी की संगीत में रुचि को देखकर उनके बड़े भाई ने तबला बजाना सिखाया. साल 1974 में उन्होंने अपना पहला गीत लिखा और संगीतबद्ध किया.

ये भी पढ़ेंःरंगों की बहार, बौजी ह्वे जावा तैयार, होली पर नरेंद्र सिंह नेगी EXCLUSIVE

1976 में आकाशवाणी से जुड़े 'नेगी दा':साल 1976 में आकाशवाणी लखनऊ से नरेंद्र सिंह नेगी का पहला गीत प्रसारित हुआ. इससे उन्हें नई पहचान मिली. अपने गीतों की बढ़ती लोकप्रियता से उत्साहित नरेंद्र सिंह नेगी ने गढ़वाली गीतमाला निकालनी शुरू की. गीतमाला इतनी हिट हुई कि इसके 10 भाग निकाले. अब तक नरेंद्र सिंह नेगी लोकगायक के रूप में स्थापित हो चुके थे. पहाड़ में उनके गीत रेडियो पर बजते थे तो बॉर्डर पर पहाड़ के जवान आकाशवाणी पर उनके गीत सुनते थे.

नरेंद्र सिंह नेगी ने गीतमाला की लोकप्रियता के साथ पहला एलबम बुरांस निकाला. उन्होंने कई आंचलिक फिल्मों घरजवैं, कौथिग, बेटी- ब्वारी, बंटवारू और चक्रचाल आदि के गीत लिखे. इनके गीत उन्होंने ही गाए और संगीत दिया. साल 1982 में जब नरेंद्र सिंह नेगी अपने गीतों का कैसेट 'ढेबरा हर्चि गेना' निकाला तो ये कैसेट सुपरहिट हुआ.

दो-दो CM पर भारी पड़े नेगी दाःबता दें कि लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने एनडी तिवारी से लेकर रमेश पोखरियाल निशंक के मुख्यमंत्री रहते उनके ऊपर अपने गानों से ऐसे तंज कसे जिसका दोनों को काफी नुकसान झेलना पड़ा था. राज्य के पहले निर्वाचित तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के कार्यों को आज भी याद करते हैं. उनके शासन काल में हुए कार्य आज भी मील का पत्थर कहे जाते हैं.

साल 2002 से 2007 में कांग्रेस की तिवारी सरकार में जिस प्रकार से लालबत्तियों की बंदर बांट हुई, वह भी अपने आप में मिसाल है. लालबत्तियां बांटने को लेकर तब लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने व्यंग्य गढ़वाली गीत की रचना की. जो अपने समय का बहुत चर्चित गढ़वाली गीत बन गया. लालबत्ती बांटने को लेकर बने इस गीत ने कांग्रेस सरकार की चारों तरफ खूब खिल्ली उड़ाई.

एनडी तिवारी की सरकार में नरेंद्र सिंह नेगी का गाया हुआ गाना 'नौछमी नारैणा' ने उत्तराखंड में धूम मचा दी थी. ये गीत इतना हिट हुआ कि विपक्ष ने सरकार के ऊपर गाने को लेकर ही हल्ला बोल दिया था. नरेंद्र सिंह नेगी ने लालबत्तियों को लेकर नारायण दत्त तिवारी पर जो गाना बनाया था, उसको लेकर खुद नारायण दत्त तिवारी को बयान जारी करने पड़े थे. तिवारी इतने नाराज हुए थे कि गाने का वीडियो प्रतिबंधित करा दिया था.

ये भी पढ़ेंःउत्तराखंड में जब दो-दो CM पर भारी पड़े लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी, अपने गानों से बदल दी सरकार

वहीं, नरेंद्र सिंह नेगी के एक और गीत 'अब कथगा खैल्यो' ने रमेश पोखरियाल निशंक की सरकार के भी पसीने छुड़ा दिए थे. साल 2010 का कुंभ निशंक सरकार की हमेशा याद दिलाता है. जब बीजेपी के दिग्गज नेता डॉ रमेश पोखरियाल निशंक तत्कालीन सीएम बीसी खंडूड़ी को हटाकर साल 2009 में उत्तराखंड के सीएम बने थे. इसके बाद 2010 में महाकुंभ था. इस महाकुंभ में लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने निशंक सरकार पर 'अब कथगा खैल्यो' गढ़वाली गीत को बनाया.

इस गीत ने निशंक सरकार के कामों की कलई खोल कर रख दी. इस कुंभ में निशंक सरकार पर कई भ्रष्टाचार के आरोप लगे. इसके बाद पार्टी हाईकमान ने निशंक सरकार को बदलकर फिर से बीसी खंडूड़ी को सीएम बनाया था. ये दोनों गढ़वाली गीत आज भी नरेंद्र सिंह नेगी की रचना शैली की याद दिलाते हैं तो गीतों की उस ताकत का भी अहसास कराते हैं जो सत्ता पलटने का माद्दा रखते हैं. वहीं, नरेंद्र सिंह नेगी डॉक्टरेट की उपाधि समेत कई अवार्ड मिल चुके हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details