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गढ़वाल विवि के छात्रों की बड़ी उपलब्धि, NASA के साथ एस्टेरॉयड की करेंगे खोज - Five students of Garhwal University will search for asteroid with NASA

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग के छात्रों को नासा ने अंतरिक्ष में क्षुद्रग्रहों पर स्टडी करने का काम सौंपा है. नासा का यह कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र संघ के सहयोग से संचालित स्पेस जेनेरेशन एडवाइजरी काउंसिल द्वारा 1 नवंबर से 26 नवंबर तक होगा.

Chauras Campus of Garhwal University
Chauras Campus of Garhwal University

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Published : Nov 9, 2021, 4:47 PM IST

Updated : Nov 9, 2021, 5:24 PM IST

श्रीनगर:हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) के भौतिक विज्ञान विभाग के विद्यार्थियों ने एक बार फिर देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है. विद्यार्थियों का चयन नासा (National Aeronautics and Space Administration) समर्थित अंतरराष्ट्रीय खगोलीय खोज सहयोग कार्यक्रम में क्षुद्रग्रहों (एस्टेरॉयड) की खोज करने के लिए हुआ है.

नासा का यह कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र संघ के सहयोग से संचालित स्पेस जेनेरेशन एडवाइजरी काउंसिल द्वारा 1 नवंबर से शुरू होकर 26 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के संजीव कुमार और कर्ण सिंह (शोध छात्र), महावीर प्रसाद और शिवानी कुलासरी (परास्नातक विद्यार्थी) और प्रवीण कुमार (स्नातक विद्यार्थी) शामिल हैं. ये सभी स्टूडेंट वरिष्ठ भौतिक वैज्ञानिक डॉ. आलोक सागर गौतम के निर्देशन में पृथ्वी के पास स्थित नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट और मंगल और बृहस्पति ग्रह के मध्य स्थित क्षुद्रग्रहों की खोज करेंगे.

प्रो. आलोक ने बताया कि नासा सैटेलाइट डाटा गढ़वाल के इन शोध छात्रों को प्रदान करेगा. ये सारी प्रोसेस ऑनलाइन होगी. इन लेटेस्ट सैटेलाइट डाटा के आधार पर छात्र अपना अध्ययन करेंगे, जिसके आधार पर रिपोर्ट तैयार कर नासा को भेजा जाएगा. उन्होंने बताया कि छात्रों को इस रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में अंतरिक्ष अध्ययन का भी मौका दिया जाएगा.

उन्होंने ये भी जानकारी दी कि 1 नवंबर से डाटा एक्सचेंज किया जा रहा है. नासा ने गढ़वाल विवि को अब अपनी साइट पर जगह दी है, जो गौरव की बात है. उन्होंने बताया कि अध्ययन के दौरान सामने आने वाले फैक्ट को सार्वजनिक भी किया जाएगा.

ऐसे होगी क्षुद्रग्रहों की खोज:गढ़वाल विश्वविद्यालय की टीम खगोल विज्ञान संस्थान (हवाई विश्वविद्यालय) की पैन-स्टार्स टेलिस्कोप से प्राप्त खगोलीय डेटा इमेजेस पर शोध कर क्षुद्रग्रहों की खोज करेगी.

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क्या होते हैं क्षुद्रग्रह (एस्टेरॉयड):क्षुद्रग्रह अंतरिक्ष के चट्टानी व वायुहीन सदस्य हैं, जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं. इनका आकार ग्रहों से छोटा होता है. मंगल व बृहस्पति ग्रह की कक्षाओं के मध्य डोनट के आकार का विशाल क्षुद्रग्रह वलय है, जिसे मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट कहा जाता है. यहां क्षुद्रग्रहों के हजारों की संख्या में क्लस्टर मौजूद हैं. पृथ्वी के करीब के क्षुद्रग्रहों को नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट या नीओ कहा जाता है. कुछ क्षुद्रग्रह ग्रहों के कक्षीय पथ में पाए जाते हैं. इसका मतलब ये क्षुद्रग्रह, ग्रह की कक्षा में प्रवेश कर खतरा उत्पन्न कर सकते हैं.

Last Updated : Nov 9, 2021, 5:24 PM IST

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