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ऊर्जा कर्मचारियों ने शुरू किया सत्याग्रह आंदोलन, 6 अक्टूबर से हड़ताल की चेतावनी

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Published : Sep 27, 2021, 5:32 PM IST

श्रीनगर गढ़वाल में ऊर्जा निगम के कर्मियों ने 14 सूत्रीय मांगों को लेकर सत्याग्रह आंदोलन शुरू कर दिया है. कर्मियों ने मांगें पूरी न होने पर 6 अक्टूबर को प्रदेशभर में हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. इसके अलावा 4 अक्टूबर को प्रदेशभर में रैली निकाली जाएगी.

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श्रीनगर

श्रीनगरःपौड़ी के श्रीनगर गढ़वाल में 132 केवी सब स्टेशन में ऊर्जा निगम के कर्मियों का जारी आंदोलन अब सत्याग्रह आंदोलन में तब्दील हो गया है. 14 सूत्रीय मांगों को लेकर ऊर्जा निगम के कर्मी 23 सितंबर (गुरुवार) से लगातार आंदोलन पर हैं. कर्मियों का कहना है कि अभी प्रत्येक कर्मी द्वारा सिर्फ 2 घंटे का आंदोलन किया जा रहा है. लेकिन अगर मांगें पूरी नहीं हुई तो 6 अक्टूबर से राज्य स्तरीय हड़ताल की जाएगी.

दरअसल ऊर्जा निगम के कर्मचारियों द्वारा 20 से 25 अगस्त तक कार्य बहिष्कार किया गया था. 26 और 27 अगस्त को कर्मचारियों ने टूल डाउन-पेन डाउन हड़ताल की थी. इसके बाद 27 अगस्त शाम को कर्मचारियों की ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत से मुलाकात हुई थी. मंत्री हरक सिंह रावत ने उनकी मांगों के लिए एक माह का आश्वासन दिया था. वहीं, एक महीने बाद भी मांगें पूरी नहीं होने के बाद कर्मचारियों ने एक बार फिर आंदोलन की राह पकड़ ली है. इसी क्रम में कर्मियों ने सोमवार को सत्याग्रह आंदोलन किया. कर्मियों ने अपने शरीर पर सत्याग्रह का पर्चा लगाकर 2 घंटे तक सत्याग्रह आंदोलन बैठे रहे.

ऊर्जा कर्मचारियों ने शुरू किया सत्याग्रह आंदोलन.

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श्रीनगर विद्युत वितरण खंड के अधिशासी अभियंता वाईएस तोमर ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि ऊर्जा निगम के सारे कर्मी लबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन सरकार की मंशा है कि कर्मियों को आंदोलन की तरफ झोंका जाए. जिससे आम जनता परेशान हो, लेकिन कर्मियों की मांगों को न माना जाए. उन्होंने कहा कि अभी कर्मी शांति पूर्वक सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन 6 अक्टूबर को कर्मी पूरे प्रदेश में हड़ताल पर चले जाएंगे. इसके अलावा 4 अक्टूबर को प्रदेशभर में रैली निकाली जाएगी. जबकि 5 अक्टूबर को टूल डाउन-पेन डाउन हड़ताल भी की जाएगी.

ये हैं मांगेंः9,14 व 19 सालों में समयबद्ध वेतनमान की बहाली, पुरानी पेंशन की बहाली, उपनल के कर्मियों को नियमितीकरण होने तक समान कार्य-समान वेतन व अन्य भत्तों का पुनरीक्षण आदि.

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