श्रीनगरः पौड़ी के श्रीनगर में उत्तराखंड परिवहन निगम की 1000 वर्ग मीटर की भूमि पर कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर दिया है. ऐसे में अब परिवहन विभाग इस अतिक्रमण को हटाने के लिए दर-दर भटक रहा है. ऐसा हम नहीं खुद परिवहन निगम के अधिकारियों का कहना है. अब विभाग प्रशासन से इस अतिक्रमण को हटाने और नए बने बस अड्डे की फिर से पैमाइश करने की मांग कर रहा है. साथ ही परिवहन निगम के अधिकारी इस पूरे मामले की एसआईटी जांच कराने की मांग भी कर रहे हैं.
श्रीनगर में रोडवेज की भूमि पर कब्जा! अब अतिक्रमण हटाने के लिए भटक रहा विभाग - श्रीनगर बस डिपो
श्रीनगर में उत्तराखंड परिवहन निगम की भूमि पर कब्जा का मामला सामने आया है. जिसे खाली कराने के लिए परिवहन विभाग के अधिकारी भटक रहे हैं. अब उन्होंने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. उनका कहना है कि बस डिपो की 1000 वर्ग मीटर की भूमि कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है. जिसकी वजह से उन्हें बसों के संचालन में दिक्कतें आ रही है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश के समय से श्रीनगर में परिवहन निगम का डिपो संचालित किया जा रहा है. अब इस डिपो को अपग्रेड करके इसका नया भवन और एक स्थायी पार्किंग बनाई गई है, लेकिन जमीन में हुए अतिक्रमण के चलते अब ये नया बना बस अड्डा सफेद हाथी साबित होने की कगार पर पहुंच गया है. इस डिपो में बसों के आने और जाने के लिए रास्ते की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. जबकि इस बस अड्डे को ही बनाने में 4 करोड़ रुपए से ज्यादा की धनराशि खर्च की जा चुकी है. विभाग इस अड्डे को बनाने और डिपो के संचालन के लिए जमीन चाहता है, लेकिन इस जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा जमा लिया है. वर्तमान समय में एनआईटी ग्राउंड के बगल में बस डिपो संचालित किया जा रहा है.
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परिवहन निगम के सहायक अधिशासी अभियंता पीके दीक्षित ने बताया कि उनकी श्रीनगर बस डिपो के पास पूर्व में 25 सौ वर्ग मीटर की भूमि थी. जिसमें से 15 सौ वर्ग मीटर में नया डिपो बनाया गया है, लेकिन अब नए बस अड्डे को लेकर समस्या उत्पन्न हो गई है. उन्होंने बताया कि डिपो के अंदर बसों के आने और जाने के लिए जगह नहीं बन पा रही है. जिसके चलते उन्हें अतिरिक्त भूमि का उपयोग कर रास्ता बनाना होगा. उन्होंने बताया कि वर्तमान में उनकी 1000 वर्ग भूमि पर अतिक्रमण किया गया है. जिसकी जांच के लिए जिला प्रशासन को कहा गया है. साथ ही नए सिरे से जमीन की पैमाइश के बाद काम भी शुरू कर डिपो संचालित किया जाना है. इसके लिए प्रशासन से मदद मांगी गई है.