श्रीनगरः पौड़ी जिले में ठेकेदार और ईई के बीच विवाद का मामला (Sunil Joshi And EE RC Joshi Dispute) गहराता जा रहा है. अब जल संस्थान के अधिशासी अभियंता आरसी मिश्रा ने कोतवाली श्रीनगर में ठेकेदार सुनील जोशी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत मिलने के बाद पुलिस जांच में जुट गई है. बीते दिनों ठेकेदार सुनील चंद्र जोशी और अधिशासी अभियंता आरसी मिश्रा पर 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था. ऐसे में यह मामला सुलझने की जगह उलझता जा रहा है.
जानिए क्या था मामलाःगौर हो कि बीते 8 सितंबर को ठेकेदार सुनील जोशी और अधिशासी अभियंता आरसी मिश्रा के बीच श्रीनगर जल संस्थान कार्यालय में जमकर बहस (Sunil Joshi And EE RC Joshi Clash) हुई थी. इस दौरान अधिशासी अभियंता ने ठेकेदार को कमरे में बंद कर दिया था. पुलिस के आने के बाद ठेकेदार को कमरे से बाहर निकाला गया था.
आरसी मिश्रा ने सुनील जोशी के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत. ठेकेदार सुनील जोशी ने लगाया रिश्वत मांगने का आरोपःवहीं, अगले दिन यानी 9 सितंबर को ठेकेदार सुनील चंद्र जोशी ने पौड़ी डीएम विजय कुमार जोगदंडे (Pauri DM Vijay Kumar Jogdande) से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा. इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वो ईई आरसी मिश्रा से एक निर्माण कार्य के लंबित भुगतान की मांग कर रहे हैं. जिसके एवज में 5 लाख रुपये की घूस (EE RC Mishra Demanding Bribe) के रूप में मांगी जा रही है. साथ ही उन्होंने अधिशासी अभियंता का दूसरी शाखा में तबादला करने की मांग की.
ये भी पढ़ेंःठेकेदार ने ईई पर लगाया 5 लाख की रिश्वत मांगने का आरोप, जिलाधिकारी से की शिकायत
सुनील जोशी के खिलाफ कोतवाली श्रीनगर में शिकायत दर्जःअब अधिशासी अभियंता आरसी मिश्रा ने ठेकेदार सुनील जोशी के खिलाफ कोतवाली श्रीनगर में शिकायत दर्ज (Complaint filed against contractor Sunil Joshi in Srinagar Kotwali) कराई है. दूसरी ओर मामले को लेकर जल संस्थान के कर्मी भी आक्रोश में है. इसको लेकर कर्मियों ने एक बैठक की. जिसमें उन्होंने फैसला लिया कि अगर ठेकेदार पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वो कार्य बहिष्कार शुरू कर देंगे.
आरसी मिश्रा ने आरोप को बताया निराधारःवहीं, ईई आरसी मिश्रा (Executive Engineer Jal Nigam RC Mishra) ने रिश्वत के आरोप का खंडन करते हुए निराधार बताया. उन्होंने कहा कि पाबौ के बिडोली पंपिंग योजना का कार्य किया जाना था. जिसके निर्माण की अंतिम तिथि दिसंबर 2021 थी, लेकिन मार्च 2022 तक भी कार्य पूरा नहीं किया गया. इसके अलावा अनुबंध के मुताबिक, ठेकेदार को 150 मीटर हाइट पर पानी पहुंचाना था, लेकिन अभी तक मात्र 135 मीटर हाइट तक ही पानी पहुंचाया गया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि सोलर पाइप लाइन परियोजना में घटिया और पुराने पाइप लगाए गए हैं. जिसकी विभागीय जांच की जा रही है. उन्होंने अधिशासी अभियंता को बार-बार कार्य को पूरा करने के लिए रिमाइंडर के साथ नोटिस भेजा गया, लेकिन फिर भी कार्यों को पूरा नहीं किया. उन्होंने बताया कि पैसे लेने के आरोप निराधार हैं. पूरे कार्य की निगरानी थर्ड पार्टी की ओर से की जा रही है. बिना उनकी जांच के ठेकेदार को पेमेंट करना कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है.