कोटद्वार: सूबे में सरकार भले ही मूलभूत सुविधाओं के लाख दावे पेश करती हो, लेकिन विकास की धारा अभी भी कई गांवों से कोसों दूर है. ताजा मामला पौड़ी जिले के जयहरीखाल ब्लॉक के बिल्टिया गांव का है, जहां बीते तीन सालों से पेयजल की समस्या बनी हुई है. हालात ये है कि बुजुर्गों को एक किलोमीटर की चढ़ाई पार करके सिर पर पानी ढोना पड़ता है. कई बार स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत जल संस्थान से लेकर स्थानीय विधायक से की, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.
जिले के जयहरीखाल ब्लॉक के बिल्टिया गांव में रहने वाले लगभग 30 परिवार बीते 3 सालों से पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि साल 1993 में बड़गांव के प्राकृतिक स्रोत तरगढ़ से पेयजल योजना बनाई गई थी, जिसके कुछ सालों बाद तक सुचारू रूप से पेयजल की आपूर्ति होती रही. लेकिन, उसके बाद गांव में पेयजल की समस्या दिनों दिन बढ़ती गई. राज्य निर्माण के बाद साल 2006-07 में एक बार फिर स्वजल परियोजना के तहत योजना का पुनर्गठन किया गया, लेकिन साल 2017 में आई आपदा के बाद स्थिति पहले की तरह हो गई. ताजा हालात ये हैं कि ग्रामीणों को अब बिजुरधार स्थित गधेरे से पानी लाने को मजबूर होना पड़ रहा है.
वहीं, एक किलोमीटर की चढ़ाई पार कर पानी लाती 75 वर्षीय जम्मूतवी देवी ने बताया कि उम्र के इस पड़ाव में रोजाना सुबह-शाम पानी लाना पड़ता है, जिससे उनकी सांस फूल जाती है. जनप्रतिनिधियों से इस समस्या से निजात दिलाने के लिए गुहार भी लगाई गई है, लेकिन उनकी समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है.