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विकास की बाट जोह रहे रिखणीखाल के दर्जनों गांव, BDC सदस्य ने वन मंत्री सुबोध उनियाल को सौंपा ज्ञापन - बीडीसी सदस्य ने वन मंत्री सुबोध उनियाल को सौंपा ज्ञापन

लैंसडाउन कॉर्बेट आरक्षित सीमावर्ती ग्राम पंचायत कांडा के तोक गांवों तैड़िया, कांडा, दियोड़, जवाड़ियूंरौल, बीरोबाड़ी, भैंस्यारौ नौदानू, बंजादेवी, कर्तिया में आज भी सख्त वन कानूनों के चलते विकास नहीं हो पाया है. ऐसे में कर्तिया क्षेत्र पंचायत सदस्य बिनीता ध्यानी ने वन मंत्री सुबोध उनियाल से मिलकर ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान की मांग की है.

Forest minister Subodh uniyal
विकास की बाट जोह रहे रिखणीखाल के दर्जनों गांव

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Published : Jul 8, 2022, 4:45 PM IST

कोटद्वार: पौड़ी जनपद के रिखणीखाल क्षेत्र के दर्जनों गांव लैंसडाउन कॉर्बेट नेशनल पार्क वन आरक्षित क्षेत्र में आने के चलते जटिल वन कानून के चलते आज भी विकास की बाट जोह रहे हैं. आड़े आ रहे कानूनों को सरल करने के लिए उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल से क्षेत्र पंचायत सदस्य बिनीता ध्यानी ने आवास पर मुलाकात कर समस्याओं के समाधान के लिए ज्ञापन दिया.

जनपद पौड़ी के प्रखंड रिखणीखाल क्षेत्र की क्षेत्र पंचायत सदस्य कर्तिया बिनीता ध्यानी ने अपने क्षेत्र से लगे लैंसडाउन कॉर्बेट आरक्षित सीमावर्ती ग्राम पंचायत कांडा के तोक गांवों तैड़िया, कांडा, दियोड़, जवाड़ियूंरौल, बीरोबाड़ी, भैंस्यारौ नौदानू, बंजादेवी, कर्तिया में वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण व मानव वन्यजीव संघर्ष की सुरक्षार्थ बटियाओं का निर्माण, पहले से चली आ रही वन मोटर मार्गों के प्रस्तावित निर्माण हेतु वन मंत्री सुबोध उनियाल से मुलाकात कर समस्याओं से अवगत कराया. साथ ही उन्होंने इन मोटरमार्गों पर शीघ्र कार्रवाई की मांग की.

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बिनीता ध्यानी ने कहा कि उनके साथ क्षेत्रीय विधायक महंत दिलीप रावत भी रहे और विस्तृत चर्चा के बाद विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना से अछूते ग्राम तैड़िया में विद्युत लाइन हेतु भी वन विभाग को एनओसी भेजने तथा विद्युत विभाग को स्वीकृति प्रदान करने को भी निर्देशित किया गया है. वहीं, उन्होंने कहा कि वन कानूनों और विस्थापन प्रक्रिया में शामिल गांव में न विकास हो पाया है, जिससे ग्रामीणों को जरूरी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

ऐसे में ग्रामीणों को पांच किलोमीटर दूर कांडा नाला घने जंगल पार कर जान जोखिम में डालनी पड़ती है. सड़क, विद्युत, स्वास्थ्य, शिक्षा से पिछड़े गांव में त्रासदी भरा जीवन जीने की नियति बन गई है. लिहाजा, गांवों में खेती, सुरक्षा बाढ़, हाथियों की आवाजाही से सुरक्षा के भी विशेष इंतजाम किये जाएं. वहीं, इस पर वन मंत्री द्वारा उन्हें आश्वस्त किया गया और शीघ्र कार्रवाई के लिए विभाग को निर्देश दिए हैं. वहीं, उन्होंने क्षेत्र में मन्दाल नदी की भयावहता से जद में आ रहे तटीय इलाकों बंजादेवी से कांडा नाला तक खेती सुरक्षा चकडैम बनवाने की मांग भी की है.

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