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Srinagar Navratri: चारधाम की रक्षक मां धारी देवी मंदिर में नवरात्रि की धूम, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु

मां धारी देवी को उत्तराखंड के चारों धामों की रक्षक देवी माना जाता है. आज चैत्र नवरात्रि के पहले दिन धारी देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की अपार संख्या जुटी है. श्रद्धालु दर्शन के लिए अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं. मंदिर के पुजारियों ने इस बार पूजा का सोशल मीडिया पर प्रसारण भी किया.

Dhari Devi Darshan
धारी देवी दर्शन

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Published : Mar 22, 2023, 11:59 AM IST

Updated : Mar 22, 2023, 1:33 PM IST

मां धारी देवी मंदिर में नवरात्रि की धूम

श्रीनगर: आज से हिन्दू नववर्ष का शुभारंभ हो गया है. आज चैत्र की पहली नवरात्रि है. प्रथम नवरात्रि में श्रीनगर से 10 किलोमीटर दूर धारी देवी मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. आज सुबह 4 बजे से भक्त लाइनों में लग कर मां की पूजा अर्चना के लिए खड़े रहे.

धारी देवी मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता: इस बार चैत्र नवरात्र के शुरू होने पर मां के बने नए भव्य मंदिर में मां धारी देवी की पूजा अर्चना की गई. इस पूजा अर्चना का मंदिर के पुजारियों द्वारा सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारण भी किया गया. आपको बता दें कि मां धारी देवी को चार धामों की रक्षक देवी के नाम से पूरे देश भर में जाना जाता है. यहां आने वाले श्रद्धालु जब चारधाम यात्रा पर बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री आते हैं तो मां भगवती धारी देवी के मंदिर के दर्शन कर ही अपनी यात्रा को पूर्ण मानते हैं.

धारी देवी मंदिर में सुबह से लगी लंबी लाइन: आज धारी देवी मंदिर में दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि वे सुबह से लाइन में लग कर मां धारी के दर्शन के लिए खड़े हैं. सुबह से ही मंदिर में भीड़ है. इसलिए दर्शन करने में समय लग रहा है. उन्होंने बताया कि वे हर साल नवरात्रों में धारी देवी मंदिर में पूजा अर्चना करने आते हैं. उन्हें मां के दर्शन कर शांति की अनुभूति होती है.

बेंगलुरु से भी आए श्रद्धालु: बेंगलुरु से मां धारी देवी की पूजा करने पहुंचे गणेश कहते हैं कि मां के मंदिर के बारे में उन्होंने बहुत सुना है. उन्होंने कहा कि देश भर में मां के मंदिर को चारधामों की रक्षक देवी के नाम से जाना जाता है. उन्होंने कहा कि उन्होंने देश में शांति की कामना मां से की है. मंदिर के मुख्य पुजारी लक्ष्य प्रसाद पांडे कहते हैं कि मां के मंदिर का वर्णन द्वापर युग से माना जाता है. पौराणिक मान्यता है कि यहां पांडवों ने आकर पूजा अर्चना की थी. इसके सबूत उनके पद चिह्न ओर दौपदी शिला के रूप में विद्यमान थे, लेकिन बाढ़ आने के चलते अब ये नदी में समा गए हैं.
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पुजारी ने बताई मां धारी देवी मंदिर की प्रतिष्ठा: पुजारी ने बताया कि आदि गुरु शंकराचार्य ने भी यहां पूजा अर्चना की थी. उन्होंने बताया कि मां एक दिन में तीन बार रूप बदलती हैं. सुबह मां एक बच्ची के समान प्रतीत होती हैं. दिन में महिला और सायंकाल में बुजुर्ग रूप में दिखाई पड़ती हैं. उन्होंने कहा कि अब मंदिर के नए रूप में आने से यहां श्रद्धालुओं की अपार भीड़ लग रही है.

Last Updated : Mar 22, 2023, 1:33 PM IST

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