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लॉकडाउन ने तोड़ी दिहाड़ी मजदूरों की कमर, गरीबों में गहराया आर्थिक संकट

पूरे देश सहित प्रदेश में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन चल रहा है. कोटद्वार भाबर क्षेत्र में भारी संख्या में बाहरी राज्यों के मजदूर रहते हैं. आपात स्थिति के कारण इन दिनों सभी निर्माण कार्य बंद हो गए हैं. ऐसे में दिहाड़ी मजदूरों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है. न तो वो घर जा सकते हैं और न ही उन्हें एक वक्त की रोटी नसीब हो पा रही है.

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लॉकडाउन ने तोड़ी दिहाड़ी मजदूरों की कमर

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Published : Mar 31, 2020, 12:23 PM IST

कोटद्वार: कोरोना देश के सभी राज्यों में पैर पसार चुका है. इस कारण वर्तमान में देशभर में लॉकडाउन चल रहा है. ऐसे में देश के भीतर सभी निर्माण कार्यों और विकास कार्यों पर रोक लगा दी गई है. इस वजह से दिहाड़ी मजदूर खाने-पीने की समस्या से जूझ रहे हैं. लॉकडाउन के कारण कोटद्वार के भाबर क्षेत्र में बाहरी राज्यों से आए मजदूरों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है. मजदूर अभी तक किसी तरह पहले से रखे खाद्यान्न से काम चला रहे थे. इधर दो दिनों से उन्हें एक वक्त की रोटी भी नहीं नसीब हो पा रही है.

लॉकडाउन ने तोड़ी दिहाड़ी मजदूरों की कमर


दरअसल कोटद्वार के भाबर क्षेत्र में भारी संख्या में बिहार और अन्य राज्यों के लोग रहते हैं. ये यहां आ कर राजमिस्त्री और दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं. वर्तमान में बढ़ती कोरोना महामारी की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है. ऐसे में सभी निर्माण कार्य बंद हो गए हैं. इससे दिहाड़ी मजदूरों और राजमिस्त्री के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है. बिहार निवासी बुजुर्ग जुनैद आलम ने बताया, वो कोटद्वार के कलालघाटी में मजदूरी का काम करते हैं. लेकिन इन दिनों लॉकडाउन होने के कारण कोई काम नहीं हो रहा है. वहीं, राशन की दुकानों पर उन्हें बाहरी राज्य का होने के कारण विक्रेता महंगे दामों पर राशन दे रहे हैं. यही आलम सभी बाहरी मजदूरों का है.

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वहीं, मजदूर जमील का कहना है कि वो बिहार के किशनगंज जिले से आए हैं और कोटद्वार के भाबर क्षेत्र में पिछले काफी समय से मजदूरी का काम कर रहे हैं. लेकिन इन दिनों लॉकडाउन ने सभी गरीब मजदूरों की कमर तोड़ कर रख दी है. परिवहन के साधन न चलने से वो घर भी नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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