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नई आबकारी नीति विभाग पर पड़ी भारी, टेंडर न मिलने से लाखों का नुकसान

जनपद में अधिकांश दुकानें ग्रामीण क्षेत्रों की है और शहरों की दुकानों का अधिभार अधिक होने के कारण किसी भी ठेकेदार ने आबकारी विभाग में आवेदन नहीं किया है. जिस कारण सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है.

टेंडर न मिलने से आबकारी विभाग को नुकसान.

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Published : Apr 6, 2019, 12:36 PM IST

Updated : Apr 7, 2019, 2:08 PM IST

पौड़ी: जिले में आबकारी विभाग लगातार लाखों रुपये के घाटे में चल रहा है. शहर में शराब व्यापार में हो रहे नुकसान के चलते आबकारी विभाग को ठेकेदार नहीं मिल रहे हैं. इसके चलते पौड़ी गढ़वाल में 40 शराब की दुकानों में केवल 21 दुकानें ही आवंटित हो पाई हैं.

जनपद में अधिकांश दुकानें ग्रामीण क्षेत्रों की है और शहरों की दुकानों का अधिभार अधिक होने के कारण किसी भी ठेकेदार ने आबकारी विभाग में आवेदन नहीं किया है. जिस कारण सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. जिले की सबसे अधिक मार्जिन निकालने वाली दुकानें श्रीनगर, पौड़ी, कोटद्वार हैं, जिनका अधिभार श्रीनगर 21करोड़ 84 लाख 39 हजार 966, कोटद्वार 19 करोड़ 50 लाख 79 हजार 800,पौड़ी, 13 करोड़ 71 लाख 86 हजार 522 प्रतिवर्ष है. लेकिन, किसी भी ठेकेदार ने इन दुकानों के लिए आवेदन नहीं किया, जिसके कारण सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है.

टेंडर न मिलने से आबकारी विभाग को नुकसान.

बता दें कि पौड़ी में पिछले वर्ष 42 अंग्रेजी शराब की दुकानों का आवंटन किया गया था. इससे राज्य सरकार को सर्वाधिक 86 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था. वहीं, इस बार आवंटन के लिए केवल 40 ही दुकानें हैं. लेकिन अभी तक मात्र 21 दुकानें ही आवंटित हो पाई हैं. जबकि 19 दुकानें अभी बंद चल रही हैं, जिससे नए वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग को रोजाना लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है. इस अनुसार सालाना 129 करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष सरकार को लगभग 40 करोड़ का ही राजस्व प्राप्त हो पाएगा.

बता दें कि आवेदन की यह प्रक्रिया ई-नीलामी के तहत रखी गई थी, जिसमें मात्र 21 दुकानें ही आवेदन के तहत आवंटित हुई. जिसको देखते हुए विभाग ने बाकी 19 दुकानों के लिए अब विभाग से सीधा संपर्क कर दुकानें आवंटन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

वहीं जिला आबकारी अधिकारी तपन कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष का लगभग एक करोड़ का राजस्व बकाया है. जिसकी वसूली प्रक्रिया चल रही है. साथ हा कहा की उन्हें पिछले साल 86 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था, जिसके सापेक्ष उन्होंने 105 करोड़ प्राप्त किए थे.

Last Updated : Apr 7, 2019, 2:08 PM IST

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