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Sangeet Natak Akademi Awards: प्रख्यात संस्कृतिकर्मी प्रो. दाता राम पुरोहित को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित - दाता राम पुरोहित को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार

विज्ञान भवन नई दिल्ली में आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वर्ष 2019, 2020 और 2021 के लिए संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप और पुरस्कार प्रदान किए. उत्तराखंड से प्रख्यात संस्कृतिकर्मी और शिक्षाविद प्रोफेसर दाता राम पुरोहित को साल 2021 के लिए सम्मान दिया गया है. प्रोफेसर पुरोहित उत्तराखंड की लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ ही लोक कलाकारों के संवर्धन के लिए लगातार काम कर रहे हैं.

Prof Data Ram Purohit
Prof Data Ram Purohit

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Published : Feb 23, 2023, 6:35 PM IST

नई दिल्ली/पौड़ी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार 23 फरवरी को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में देशभर से चयनित प्रख्यात संगीतकारों, नर्तकों, लोक एवं आदिवासी कलाकारों और रंगकर्मियों को उनके विशिष्ट योगदान के लिए वर्ष 2019, 2020, 2021 के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया. इसी कड़ी में श्रीनगर गढ़वाल निवासी प्रख्यात संस्कृतिकर्मी और शिक्षाविद प्रो दाता राम पुरोहित को भी सम्मानित किया गया है.

बता दें कि, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भारत में प्रदर्शन कला वर्ग में दिए जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार है. श्रीनगर गढ़वाल निवासी प्रख्यात संस्कृतिकर्मी और शिक्षाविद प्रो दाता राम पुरोहित को उत्तराखंड की लोक कलाओं के संवर्धन में अमूल्य योगदान के लिए साल 2021 का संगीत नाटक अकादमी सम्मान प्रदान किया गया है.

गौर हो कि, देश के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार वितरण की परंपरा 1952 से चली आ रही है, जिसके तहत हर साल संगीत, नृत्य, रंगमंच, पारंपरिक कलाओं, कठपुतली कला और अन्य विविध प्रदर्शन कला के क्षेत्र में कलाकारों द्वारा दिए गए विशिष्ट योगदान के लिए उन्हें रत्न सदस्यता और अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है.
पढ़ें-प्रोफेसर डीआर पुरोहित को मिला 'गढ़रत्न' सम्मान, उत्तराखंड की लोक संस्कृति के हैं संवाहक

प्रो डीआर पुरोहित ने अपना पूरा जीवन उत्तराखंड की लोक संस्कृति एवं उसके कलाकारों के संवर्धन के लिए समर्पित किया है. उत्तराखंड की लोक कलाओं को अपने शोध कार्यों के माध्यम से पूरी दुनिया में एक अलग पहचान दिलाने के लिए प्रो पुरोहित ने जर्मनी की प्रतिष्ठित हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटी से लेकर अमेरिका की प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी तक दुनियाभर की दर्जनभर विश्वविद्यालयों और संस्थानों में व्याख्यान दिए.

प्रो पुरोहित ने उत्तराखंड की ढोल वाद्य शैली, पंडवाणी, भड़वार्ता, जागर, रम्माण, नंदा के गीत और बादी बदीणों के गीतों पर शोध कर उनके अकादमिक प्रचार प्रसार में अहम भूमिका निभाई है. श्रीनगर के हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में लोक कला एवं संस्कृति निष्पादन केंद्र की अवधारणा एवं उसे मूर्त रूप देने का श्रेय भी प्रो डीआर पुरोहित को जाता है. प्रो पुरोहित अभी भी उत्तराखंड में लोक नाट्य कलाओं की जड़े सींचने के लिए निरंतर स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध कार्यों, लेखन, निर्देशन एवं नए कलाकारों के मार्गदर्शन में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस दौरान प्रो डी आर पुरोहित के अलावा शास्त्रीय गायक छन्नू लाल मिश्र, लोक गायिका तीजन बाई, भजन गायक अनूप जलोटा समेत देश के कई प्रतिष्ठित कलाकारों को भी सम्मानित किया. अकादमी फेलो के सम्मान में तीन लाख की पुरस्कार राशि दी जाती है, जबकि अकादेमी पुरस्कार में एक ताम्रपत्र के अलावा एक लाख रुपये की नकद राशि दी जाती है. इस दौरान केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर पूर्व विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी और संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और संगीत नाटक अकादेमी की चेयरपर्सन डॉ संध्या पुरेचा भी उपस्थित रहे.

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