कोटद्वार: शुक्रवार को एक करीब एक साल बाद कोटद्वार नगर निगम की बोर्ड बैठक महापौर की अध्यक्षता में हुई. इस दौरान पार्षदों के बीच गहमागहमी देखने को मिली. कोटद्वार नगर निगम को अस्तिव में आए चार साल हो गए हैं. शुक्रवार को जैसे ही बैठक शुरू तो पार्षदों ने नगर आयुक्त घेर लिया और कहा कि बोर्ड बैठक हर महीने आयोजित होनी चाहिए.
पार्षद विपिन डोबरियाल ने स्वच्छ भारत मिशन को लेकर भी नगर आयुक्त से जवाब मांगा था, लेकिन नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी सकारात्मक जवाब नहीं दे पाए, जिसके बाद बोर्ड बैठक में हंगामा हो गया. वहीं बैठक में पार्षदों ने कूड़ा उठान का मुद्दा भी उठाया है. नामित पार्षद परशुराम ने कहा कि वार्ड में कूड़ा शुल्क के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है.
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पार्षद नईम ने बैठक में बताया कि कूड़ा शुल्क पर बोर्ड फंड एक करोड़ हो रहा है, जिसकी जानकारी नगर निगम पार्षदों को नहीं दी जा रही है. नगर निगम में पिछले वर्ष 4.50 लाख रुपए का घोटाला किया गया है, जिसकी जानकारी आयुक्त द्वारा बोर्ड बैठक में पार्षदों को नहीं दी जा रही है. पिछले वर्ष नगर निगम कोटद्वार ने फर्जी ठेकेदार आसिफ के खातों में 4.50 लाख रुपए चेक द्वारा डाले गए हैं. जिसकी शिकायत भी कोटद्वार कोतवाली में भी दर्ज है, लेकिन कोटद्वार नगर निगम ने उन पैसों के बारे में कुछ भी जानन नहीं जहा.
पार्षद अनिल रावत ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में पार्षदों द्वारा वार्ड में 25 -25 हजार रुपए के विकास कार्य किये गये, जिनका दो वर्षों से नगर निगम द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा है. जबकि ठेकेदार द्वारा निविदाएं निकाल कर ठेकेदार से कमीशन लेकर तत्काल ठेकदारों का भुगतान किया जा रहा है.
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पार्षदों नगर आयुक्त पर आरोप लगाते हुए कहा कि बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास किए बिना 5 लाख रूपए की जेसीबी मशीन खरीद कर ली गई, जो चेहते ठेकेदार को दी गई है. सूरज कान्ति ने कहा कि नगर आयुक्त बोर्ड बैठक की विडियोग्राफी कराये.