कोटद्वार: कोरोना वायरस महामारी के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर छिड़काव के लिए अप्रैल महीने में कोटद्वार नगर निगम ने सैनिटाइजर खरीदा था. जिस पर पार्षदों ने आरोप लगाया गया था कि ड्रम में सैनिटाइजर नहीं पानी है. इस पर नगर आयुक्त ने जांच समिति गठित कर जांच करवाई थी, जांच में पाया गया कि पार्षदों पर लगाए गए सारे आरोप निराधार हैं और सैनिटाइजर असली है.
वहीं, जांच रिपोर्ट को मीडिया के समक्ष रखते हुए नगर आयुक्त योगेश मेहरा का कहना था कि कोटद्वार निगम में सैनिटाइजर को लेकर जो आपत्तियां लगातार दर्ज कराई गई थीं, उसको देखते हुए जिलाधिकारी के निर्देशों पर उपजिलाधिकारी सहित पांच सदस्य समिति नामित की गई थी. मामला नगर निगम से जुड़ा हुआ था तो नगर निगम से इतर भी जांच समिति में डिपार्टमेंटों को रखा गया था, उसमें नगर निगम के दोनों सहायक नगर आयुक्त के साथ-साथ पुलिस विभाग, राजस्व विभाग और जल संस्थान विभाग को भी जांच समिति में रखा गया था.
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