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CM त्रिवेंद्र और सीएम योगी  के गांव से शुरू होगी चकबंदी, जीपीएस से होगा सर्वे

जनपद पौड़ी के चार गांवों में भूमि पैमाइश के लिए सर्वे जीपीएस और टोटल स्टेशन तकनीक से किया जाएगा. आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर चकबंदी से किसानों के पास भूमि का पूरा ब्योरा एक आसान नक्शे की शक्ल में उपलब्ध होगा.

फाइल फोटो

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Published : Nov 7, 2019, 9:58 PM IST

पौड़ी:उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में तेजी से हो रहे पलायन को रोकने के लिए और किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की जा रही है. पहले चरण में पौड़ी जिले के चार गांवों का चयन किया जा रहा है. जिसमें से प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का गांव खैरासैंण और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का गांव पंचुर भी शामिल है. इन दोनों में चकबंदी की मदद से पहाड़ों में विस्तृत खेतों को एक करके खेती की जाएगी और किसानों को मजबूत करते हुए उनकी आमदनी में वृद्धि हो पाएगी.

प्रदेश सरकार की ओर से जल्द ही चकबंदी की शुरुआत की जा रही है. जिससे की पहाड़ों में खेती करने वाले किसानों को कृषि करने में काफी आसानी होगी और संभवत: पलायन को रोकने में काफी हद तक इससे मदद मिलेगी.

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जनपद पौड़ी के चार गांवों में भूमि पैमाइश के लिए सर्वे जीपीएस और टोटल स्टेशन तकनीक से किया जाएगा. आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर चकबंदी से किसानों के पास भूमि का पूरा ब्योरा एक आसान नक्शे की शक्ल में उपलब्ध होगा. साथ ही कंप्यूटर या मोबाइल पर क्लिक करते ही पूरा गांव या क्षेत्र एक स्टेशन के रूप में गूगल मैप पर भी दिखेगा.

शुरुआत में इसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के गांव खैरासैंण और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पैतृक गांव पंचुर है. ये दोनों ही गांव चकबंदी के लिए हामी भर चुके हैं. अन्य दो गांव ओणी और लखोली में भी चकबंदी की जाएगी.

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