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गढ़वाल विवि के रूम नंबर-105 में कर्मचारियों से CBI की पूछताछ, इसी कमरे में छिपे हैं कई राज

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Published : Sep 16, 2021, 4:11 PM IST

Updated : Sep 16, 2021, 4:47 PM IST

सीबीआई गढ़वाल विवि से निजी कॉलेजों को संबद्धता मामले में सीबीआई ने दूसरे दिन भी पूछताछ की. सीबीआई ने कमरा नंबर 105 में डेरा डाला है. इसके अलावा नामजद मुकदमा दर्ज कर्मचारियों से पूछताछ भी की.

SRINAGAR
श्रीनगर

श्रीनगरःहेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय (HNBGCU) के प्रशासनिक भवन के कमरा नंबर-105 में दूसरे दिन भी सीबीआई ने डेरा डाले रखा है. दूसरे दिन भी सीबीआई ने गढ़वाल विश्वविद्यालय से जुड़े एफिलिएशन के मामले में विवि के कर्मचारियों (नामजद मुकदमा दर्ज कर्मचारी व पूर्व कर्मचारियों) से पूछताछ की. CBI ने गुरुवार सुबह 10 बजे से एक-एक कर कर्मचारियों से पूछताछ की. पूछताछ का सिलसिला दोपहर बाद तक भी जारी रहा.

इससे पहले बुधवार को सीबीआई ने गढ़वाल विवि के कमरा नंबर-105 में एफिलिएशन संबंधी फाइलों की गहतना से जांच की. इस जांच में सीबीआई के 4 सदस्य मौजूद रहे. गुरुवार सुबह से सीबीआई पूछताछ का सिलसिला शुरू किया. इस दौरान विश्वविद्यालय में चर्चा रही कि सीबीआई की तरफ से संकेत दिए गए हैं कि कमरा नंबर 105 में बिना किसी कारण वश कोई प्रवेश नहीं करेगा.

गौरतलब है कि इससे पहले 9 जुलाई 2021 को भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई की एक टीम ने यूपी से लेकर उत्तराखंड तक ताबड़तोड़ 14 स्थानों पर छापेमारी की थी. सीबीआई ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति समेत अन्य के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी. सीबीआई देहरादून, श्रीनगर (उत्तराखंड) और नोएडा (यूपी) के 2014 से 2016 तक तत्कालीन विश्वविद्यालय के कुलपति के अलावा ओएसडी व अन्य लोगों के अलग-अलग बैंकों के तीन लॉकर भी खंगाल चुकी है.

ये भी पढ़ेंः गढ़वाल यूनिवर्सिटी में CBI का छापा, कॉलेजों की सम्बद्धता के कागजात खंगाले

सीबीआई ने सबसे पहले साल 2014 से 2016 तक हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलपति रहे और अन्य लोगों के खिलाफ प्रारंभिक जांच के उपरांत मुकदमा दर्ज किया था. सीबीआई के मुताबिक तत्कालीन कुलपति ने 2014 से 2016 तक अपने कार्यकाल के दौरान कई अनियमितताएं संस्थान में की. इतना ही नहीं, अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न महाविद्यालयों और संस्थानों को संबद्धता देने में भ्रष्टाचार का खेल किया.

आरोप है कि विश्वविद्यालय के तत्कालीन लोकसेवक ने अपने OSD और एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के अन्य अज्ञात अधिकारियों के साथ मिलकर कई निजी कॉलेजों की मौजूदा संबद्धता को जारी रखने के लिए अपने दिशा-निर्देशों के तहत नियमों का उल्लंघन किया.

Last Updated : Sep 16, 2021, 4:47 PM IST

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