श्रीनगर: सरकार की ओर से श्रीनगर नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा दिए जाने को पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मोहन लाल जैन और पूर्व राज्यमंत्री अतर सिंह असवाल ने समय के साथ ही विकास के लिए जरूरी कदम बताया. उन्होंने कहा कि जब सरकार ने श्रीनगर को नगर निगम का दर्जा दे दिया था तो नगर पालिका अध्यक्ष पूनम तिवारी को इसके खिलाफ कोर्ट में नहीं जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि इससे नगर का विकास बुरी तरह से प्रभावित हो गया है.
पत्रकार वार्ता में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मोहन लाल जैन एवं पूर्व राज्य मंत्री अतर सिंह असवाल ने कहा कि नगर निगम के खिलाफ पालिका अध्यक्ष का न्यायालय में याचिका दाखिल करना नगर के हित में नहीं है. इससे पहले भी देहरादून, मेरठ आदि नगर पलिकाओं को नगर निगम बनाया गया. लेकिन कोई भी अध्यक्ष न्यायालय की शरण में नहीं गया. वर्तमान में नगर का विकास अवरूद्ध हो चुका है. न तो नगर पालिका काम कर रही है और न ही नगर निगम, जिसका भुगतभोगी आम जनता को बनना पड़ रहा है.
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