श्रीनगर:हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यापक असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनोज सुंदरियाल की बुधवार शाम सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी. अभी वे सिर्फ 42 साल के थे. इस घटना के बाद से श्रीनगर से नरेंद्रनगर, देहरादून तक शोक की लहर है. वे उत्तराखंड के आधुनिक पत्रकारिता के द्रोणाचार्य थे. उनकी मौत की खबर से समस्त पत्रकारिता जगत में दुःख का माहौल है. डॉ. मनोज मूल रूप से पौड़ी जनपद के रहने वाले थे. आज देहरादून में उनको अंतिम विदाई दी जाएगी.
डॉ. सुंदरियाल को राजकीय सेवा में चयनित होकर असिस्टेंट प्रोफेसर बने सिर्फ चार साल ही हुए थे. इससे पहले वे हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि में अध्यापक के रूप में कार्य कर रहे थे. वे अपने पीछे अपने माता-पिता, अपने भाइयों, धर्मपत्नी, दो बच्चों ओर हजारों छात्रों को छोड़ गए हैं.
उनकी मौत की खबर सुनकर हर कोई गमगीन है. उन्होंने 10 साल से अधिक हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि में अध्यापक के रूप में कार्य किया. उनके पूर्व छात्र चन्द्र शेखर पैन्यूली ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा कि कुछ दिन पूर्व ही उनसे बात हुई थी, वे गढ़वाल विवि के पुरातन छात्रों की कॉलेज मीट करवाना चाह रहे थे.
उन्होंने अपनी बात साझा करते हुए लिखा कि डॉ. सुंदरियाल हमेशा अपने छात्रों के लिए चिंतित रहते थे. उनके बारे में हमेशा पता करते रहते थे. चंद्र शेखर वर्तमान में टिहरी प्रधान एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी हैं.